क्लीन पुलिस क्लीन मध्य प्रदेश…
क्या पुलिस के लिए लॉयन ऑर्डर नहीं , क्या प्रदेश की पुलिस पर लागू नहीं होता यातायात नियम
भोपाल – एक तरफ तो मध्य प्रदेश पुलिस बड़े- बड़े वादे करती है प्रदेश की जनता को यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए अच्छे-अच्छे सुझाव देने के साथ -साथ साइन बोर्डों पर स्लोगन भी बडे़ अच्छे -अच्छे लिखे होते हैं वही यातायात नियमों का पालन ना करने पर आम जनता को भपके देते हुए चालानी कार्यवाही भी करते है नियम तोड़ने वालों पर कार्यवाही होनी भी चाहिए प्रदेश की मासूम जनता तरले, मिन्नतें करने के साथ-साथ तगड़े तगड़े जुर्बाने एवं चालान भी भर्ती है ।
प्रदेश की जनता को लायन आर्डर एवं यातायात नियमों का पालन भी करना चाहिए नियम तोड़ने पर चालान जुर्माना भी भरना चाहिए।
अब सवाल यह है क्या सारे नियम, कानून, कायदे, सिर्फ प्रदेश की आम जनता पर ही लागू होता है, पुलिस के कर्मचारियों पर लागू नहीं होता, मध्य प्रदेश मैं ट्राफिक पुलिस के साथ क्षेत्रीय थाना पुलिस भी बैरीकेट लगाकर जब मर्जी पड़े चेकिंग अभियान शुरू कर देती है, यह तो जरूरी भी है ।
दो पहिया वाहन चालक अगर हेलमेट नहीं लगाया है दो से अधिक व्यक्ति बैठे हैं या लाइसेंस नहीं है तो पुलिस उनका अच्छा खासा दबाव बनाकर चालन बनाती देती है, जो कि हजारों में होता है जिस व्यक्ति के पास चालान भरने को हजारों रुपए नहीं है तो वह एक साइड में जाकर पुलिसकर्मियों से तरले मिन्नतें कर हजार,पांच सौ रुपये पुलिसकर्मी की पीछे की जेब में डाल कर राहत की सांस लेता है और फटाफट वहां से निकल लेता है ।
दूसरी तरफ पूरे मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मी बगैर हेलमेट पहने दो पहिया वाहन पर तीन- तीन व्यक्ति बिठाकर ऊपर से कान में मोबाइल फोन लगाकर शान से बातचीत करते हुए अक्सर देखें जाते हैं अब सवाल यह है..? या तो इन पुलिसकर्मियों पर लॉयन ऑर्डर के साथ-साथ देश के किसी भी प्रकार के नियम कानून लागू नहीं होते या फिर कानून की वर्दी पहने यह पुलिसकर्मी खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं और पुलिस के आल्हा अधिकारी खामोश बैठे देख रहे हैं आखिर क्यों।