सिख समाज को गुमराह कर रहे भारतीय जनता पार्टी के कुछ सिख नेता
सिख समाज आखिर क्यों वोट देगा भोपाल लोकसभा प्रत्याशी को बताना होगा सिख समाज की समस्याओं के लिए उनका योगदान क्या है।
भोपाल. राजधानी भोपाल में दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में रहे पूर्व प्रधान एंव भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा पहुंचे भोपाल उन्हीं की पार्टी के कुछ सिख कार्यकर्ताओ और कुछ छोटे-मोटे पदाधिकारी द्वारा पिछले मंगलवार को पटेल नगर स्थित एक निजी होटल में भोपाल लोकसभा सीट के प्रत्याशी आलोक शर्मा को जिताने के लिए बैठक आयोजित की गई थी बैठक का आयोजन वही के एक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सेवादार एंव भारतीय जनता के ही कार्यकर्ता जितेंद्र पाल सिंह गिल के द्वारा रखी गई जिसमें विशेष से रुप से मनजिंदर सिंह सिरसा का आगवन हुआ बैठक में प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा, मंत्री कृष्णा गौर एवं कुछ एक दो प्रबंधक कमेटी के सेवादार उपस्थित थे जो सभी के सभी भारतीय जनता पार्टी के समर्थ हैं।
बैठक का मुख्य उद्देश्य था भोपाल लोकसभा प्रत्याशी आलोक शर्मा को किस तरह जिताया जाय उसकी रूपरेखा बनाई जाने के लिए यह बैठक रखी गई जो कि भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी कार्यकर्ता होने के नाते यह उनका कर्तव्य था।
लेकिन यहां सवाल यह उत्पन्न होता है क्या यह सिख बीजेपी के नेता समूची भोपाल की सिख समाज के ठेकेदार अपने आप को क्यों समझ रहे वह इस बात का दावा क्यों कर रहे हैं की राजधानी भोपाल का सिख समाज लोकसभा प्रत्याशी आलोक शर्मा को ही क्यों अपना अमूल वोट देगा ,आखिर ऐसा आलोक शर्मा ने समूची सिख समाज के लिए कौन सा ऐतिहासिक, सामाजिक , एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कार्य किया है सिख समाज का हर एक वह मतदाता अपने आप में स्वतंत्र है वह अपना वोट अपनी स्वतंत्रता के हिसाब से किसी को भी मतदान कर सकता है कुछ सिख नेता ऐसा क्यों मानते हैं कि उनके आहवान पर समूचा सिख समाज आलोक शर्मा को ही वोट देगा।
राजधानी के कुछ मीडिया संस्थानों में इस प्रकार की खबर को प्रकाशित किया जा रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि सारा का सारा सिख समाज जितेंद्र पाल सिंह गिल जैसे व्यक्तियों को अपना नेता मानते हो और वह उनके कहे अनुसार
अपना वोट लोकसभा प्रत्याशी आलोक शर्मा को ही दे देगा, ऐसा बिल्कुल नहीं है सिख समाज एक जागरूक पढ़ा लिखा समझदार मेहनतकश समाज है जो अपना अच्छा बुरा खुद समझ सकता है और यह समाज अपने आप में स्वतंत्र भी है जो अपनी स्वतंत्रता का उपयोग करते हुए सिख समाज का भला सोचने वाला एंव समाज के लिए समर्पित किसी भी राजनीतिक पार्टी प्रत्याशी जो हमेशा से ही सिख परिवार की समस्याओं के लिए निरंतर संघर्ष करता आया हो उसे ही अपना वोट देगा।
मीडिया संस्थानों में इस खबर को इस तरह प्रकाशित कर माहौल बनाया जा रहा है जिससे ऐसा लगता है कि सिख समाज का सारा का सारा वर्ग भारतीय जनता पार्टी का ही समर्थक है या उनके भक्त है । खबर में छपी ( हैडलाइन -भोपाल लोकसभा प्रत्याशी को भारी बहुमत से जीताने के लिए सिख समाज ने भरी हुंकार ) इससे ऐसा लग रहा है जैसा सारा का सारा सिख समुदाय बीजेपी के इन नेताओं को ही अपना आका मानता हैं एवं सर सिख समाज बीजेपी का वोट बैंक है।
पटेल नगर स्थित एक निजी होटल में जितेंद्र पाल सिंह गिल के द्वारा भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर जो बैठक की गई वह सिर्फ उनकी अपनी पार्टी स्तर के सिख कार्यकर्ताओं के द्वारा लोकसभा प्रत्याशी आलोक शर्मा को जिताने के लिए की गई थी इसमें अगर कोई इस बात का दावा करें की राजधानी का सारा सिख समाज आलोक शर्मा को ही भारी बहुमत से जिताएगा। ऐसा बिल्कुल नहीं है राजधानी का सिख समाज और भी कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी, के समर्थक है वोटर हैं जो भोपाल लोकसभा के प्रत्याशी आलोक शर्मा के अलावा किसी भी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को भी अपना वोट देगा क्योंकि उसका वोट उसका अपना अधिकार है अपना मत है वह स्वतंत्र है इसमें कोई भी पार्टी का कार्यकर्ता या अधिकारी यह दावा नहीं कर सकता की सिख समाज सिर्फ आलोक शर्मा को ही वोट देगा।
इस खबर के प्रकाशन के पश्चात राजधानी के खोजी पत्रकार जो खुद एक सिख है उन्होंने इस विषय में राजधानी के कई गुरुद्वारों की प्रबंधक कमेटियों के पदअधिकारी सेवादारों से फोन पर संपर्क बनाया और यह जानने का प्रयास किया क्या राजधानी की सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों ने समूची सिख संगत से कोई अपील या कमेटी द्वारा कोई पत्र जारी किया है जिसमें कहीं यह बात कही हो कि समूची सिख समाज भोपाल लोकसभा प्रत्याशी आलोक शर्मा को ही अपना वोट देकर जीत दिलवाएगा यह सवाल पूछे जाने पर कई प्रबंधक कमेटियों के सेवादारो पदाधिकारियों ने स्पष्ट रूप से मनाकर दिया कि कमेटी के द्वारा किसी भी सिख समाज के व्यक्ति को कुछ भी ऐसा नहीं कहा गया हैं कि वह आलोक शर्मा को भारी मतों से विजयी बनाने के लिए अपना वोट करें, उन्होंने यह भी कहा कमेटी के किसी भी सेवादार पदाधिकारी को यह अधिकार ही नहीं कि वह समाज के किसी भी व्यक्ति को किसी पार्टी विशेष के प्रत्याशी को जिताने की बात कहें सभी ने इस विषय में अपनी राय यही दी हैं , हमें कोई भी अधिकार नहीं के हम किसी सिख को यह कहें कि वह किसे वोट करें हर एक सिख अपने आप में स्वतंत्र है वह जिसे चाहे अपना वोट दे सकता है।
कमेटी के सेवादारों ने यह बात भी स्वीकारी हैं इस बैठक से कमेटी के किसी भी सेवादार का कोई सहयोग या कोई योगदान नहीं है यह सिर्फ जितेंद्र पाल सिंह गिल का अपना भारतीय जनता पार्टी और उसके प्रत्याशी के लिए अपना कर्तव्य है क्योंकि वह खुद भारतीय जनता पार्टी में है उन्होंने अपने स्तर पर यह बैठक बुलाई थी इस बैठक में सिख समाज के प्रदेश अध्यक्ष मुख्य सेवादार एवं ज्यादातर कमेटियों का इस बैठक से कोई लेना देना ही नहीं हैं|
भोपाल लोकसभा प्रत्याशी को भारी मतों से जिताने के लिए समूचा सिख समाज एकमत हुआ है यह सरासर झूठ हैं भ्रम फैलाया जा रहा है जो राजनीतिक खेल है यह केवल राजनीतिक मामला है जितेंद्रर पाल सिंह गिल ने यह बैठक भारतीय जनता पार्टी से जुड़े जितने सिख कार्यकरता एंव पदाधिकारी हैं यह उनकी अपने नेता एंव अपनी पार्टी के लिए अपना निजी मत है इसमें राजधानी भोपाल का समूचा सिख समाज लोकसभा प्रत्याशी आलोक शर्मा को ही अपना संपूर्ण बहुमत देगा जो सरासर भ्रम फैलाया जा रहा हैं सिख समाज को गुमराह किया जा रहा है।
दिल्ली प्रबंधक कमेटी के पूर्व में रहे प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा के विषय में जब कई प्रबंधक कमेटियों के सेवादारों से यह सवाल पूछा गया क्या सभी राजधानी की प्रबंधक कमेटी मनजिंदर सिंह सिरसा को अपना नेता मानती है, तो स्पष्ट कह दिया गया कि वह बीजेपी के सिख नेताओं के नेता है कमेटी या समूची सिख समाज को उन से कोई लेना देना नहीं हैं सिरसा दिल्ली प्रबंधक कमेटी में है या रहे होंगे हमारी कमेटियों से उनका कोई वास्ता नहीं हैं, नाम ना बताने की शर्त पर कई कमेटियों के सेवादारों ने तो यह तक कह दिया की जो व्यक्ति दिल्ली में स्थित तीन ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब हैं उनमें से एक गुरुद्वारे साहब को जो व्यक्ति मस्जिद की जगह बताता है यह कहता है गुरुद्वारा बनने से पहले वहां मस्जिद थी और मस्जिद की जगह पर गुरुद्वारा साहब बना दिया गया है जो व्यक्ति वेस्ट बंगाल में एक सिख आईएएस ऑफिसर को उन्हीं के पार्टी के पदाधिकारी द्वारा ऑन ड्यूटी खालीस्थानी कहकर बेइज्जत कर दिया गया हो जो व्यक्ति सिख आईएएस ऑफिसर के सम्मान की बात को छोड़कर उसे पगड़ी का इशु ना बने के लिए मना करता है उसे चुप रहने के लिए दबाव बनता है ऐसा व्यक्ति मनजिंदर सिंह सिरसा जैसे व्यक्ति को सिख समाज का नेता माना ही नहीं जा सकता है उन्होने तो यह भी कह दिया कि यह व्यक्ति सिर्फ सिख समाज को इस्तेमाल कर अपनी राजनीति पका रहा है।