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ब्लैक मनी पर सर्जिकल स्ट्राइक! लोग जमा कर रहे थे 2,000 का नोट, RBI के पूर्व डिफ्टी गवर्नर ने बताई अंदर की बात

नई दिल्ली : आरबीआई (RBI) के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी (R Gandhi) ने कहा कि 2,000 रुपये के बैंक नोट वापस लेने से काले धन पर रोक लगाने में काफी हद तक मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोग यह नोट जमा कर रहे थे। गांधी ही वर्ष 2016 में 500 और 1,000 रुपये के नोट चलन से हटाये जाने के समय आरबीआई में मुद्रा विभाग के प्रमुख थे। उन्होंने कहा कि भुगतान पर किसी भी प्रणालीगत प्रभाव की संभावना नहीं है। क्योंकि इन नोटों का उपयोग दैनिक भुगतानों में नहीं किया जाता है। ज्यादातर भुगतान डिजिटल माध्यम से होते हैं। हालांकि, मुद्रा बदलने के लिए एक दिन में 20,000 रुपये की सीमा ‘परिचालन असुविधा’ का कारण बन सकती है। क्योंकि हो सकता है कि कुछ लोगों को एक बैंक शाखा में कई बार जाना पड़े।

काले धन को रोकने में मिलेगी मदद

काले धन पर अंकुश लगाने के एजेंडे पर 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि इससे काफी हद तक मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि (2016 में) मुद्रा को चलन से हटाने का एक बड़ा कारण अर्थव्यवस्था में काले धन पर रोक लगाना था।

23 मई से 30 सितंबर तक बदलवा सकते हैं नोट

आरबीआई ने शुक्रवार शाम को 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से हटाने की घोषणा की। हालांकि, इस मूल्य के नोट को बैंकों में 23 मई से 30 सितंबर तक जमा या बदला जा सकता है।

इकॉनमी पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव

वित्त सचिव टी वी सोमनाथन (T V Somanathan) ने इस फैसले की घोषणा के बाद एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि यह फैसला नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी से अलग है। साथ ही इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने 30 सितंबर तक जमा नहीं किए जाने वाले नोट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बैंकों के पास इससे निपटने की समुचित व्यवस्था होगी।

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