रिटायर होने के बाद बना डाली 30,000 करोड़ की कंपनी, 78 साल में नया वेंचर शुरू करने की तैयारी
नई दिल्ली: अमूमन लोग रिटायर होने के बाद अपनी बाकी जिंदगी आराम के साथ बिताना चाहते हैं। लेकिन वेंकटसामी जगन्नाथन (V Jagannathan) जब यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस (United India Insurance) के सीएमडी पद से रिटायर हुए तो उनका कुछ और ही प्लान था। सरकारी इंश्योरेंस कंपनी से रिटायर होने के बाद उन्होंने मई 2006 में देश की पहले स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी स्टार हेल्थ ऐंड अलायड इंश्योरेंस कंपनी (Star Health and Allied Insurance Company) की शुरुआत की। तब उनके 12 कर्मचारी चेन्नई में माधा चर्च रोड पर एक छोटे से कमरे में बैठकर काम करते थे।
जगन्नाथन ने शनिवार को स्टार हेल्थ के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया। आज इस कंपनी का मार्केट कैप करीब 30,100 करोड़ रुपये है। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या करीब 14,000 पहुंच गई है। 78 साल की उम्र में जगन्नाथन एक नया वेंचर शुरू करने की तैयारी में हैं।
जगन्नाथन कहते हैं कि उन्होंने 12 लोगों के साथ किराये के एक मकान में स्टार हेल्थ की शुरुआत की थी। तब उस मकान का किराया 30,000 रुपये था। आज स्टार हेल्थ की वैल्यू 30,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें दिवंगत इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला का भी भारी निवेश है।
जगन्नाथन ने कहा, ‘मैंने 53 साल पहले इंश्योरेंस की दुनिया में कदम रखा था और पिछले साल रेकॉर्ड प्रॉफिट दिया। स्टार हेल्त का प्रॉफिट 2022-23 में सबसे ज्यादा रहा। इस दौरान कंपनी का प्रॉफिट 619 करोड़ रुपये रहा जबकि फाइनेंशियल ईयर 2022 में कंपनी को 1041 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।’
53 साल का करियर
जगन्नाथन ने अपना करियर 1970 को हरक्यूलस इंश्योरेंस के साथ शुरू किया था। राष्ट्रीयकरण के दौरान वह यूनाइटेड के साथ प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर जुड़ गए और बाद में कंपनी के CMD के पद तक पहुंचे। यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को भी बुलंदियों पर पहुंचाने का श्रेय उनको जाता है। जब साल 2001 में उन्हें कंपनी की कमान मिली थी, तब कंपनी करीब 50 लाख रुपये के नुकसान में थी। अक्टूबर 2004 में जब जगन्नाथन रिटायर हुए तो यह 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के मुनाफे में थी। सरकारी कंपनी से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने दुबई की कंपनी ईटीए ग्रुप के साथ स्टार हेल्थ की शुरुआत की।
वह कहते हैं, ‘इस कंपनी ने मैंने ए-टु-जेड सब कुछ शुरू किया। हमने हेल्थ सेगमेंट में प्रवेश किया, क्योंकि मध्यम आय वर्ग को वित्तीय सहायता की जरूरत है।’ उन्होंने पैसे बचाने के लिए टाइपराइटर खरीदने के बजाय उन्हें किराये पर लिया। शुरुआत में लोगों को उनके बिजनस के सफल होने पर संदेह था। लेकिन आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के हेल्थ प्रोग्राम्स ने इस धारणा को बदल दिया। इसके बाद लोगों ने स्टार हेल्थ में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी। आज पूरे देश में कंपनी के नेटवर्क में करीब 13,000 अस्पताल शामिल हैं। कंपनी की 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक उसकी 26 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूदगी है। कंपनी का 29 फीसदी रेवेन्यू साउथ इंडिया से, 23 परसेंट पश्चिमी राज्यों से 30 परसेंट नॉर्थ इंडिया से और आठ परसेंट पूर्वी भारत से आता है।