रेलवे का अजीब कारनामा, इस स्टेशन से गायब हो गया फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम
Waiting Room: किसी भी रेलवे स्टेशन पर वेटिंग रूम यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया जाता है। यह सुविधा एयरपोर्ट पर भी ही होती है। एयरपोर्ट पर तो फर्स्ट कलास के पैसेंजन के लिए बेहतरीन लाउंज की सुविधा होती है, बिना अतिरिक्त शुल्क के। अंग्रेजों ने जब भारत में रेलवे स्टेशन बनाना शुरू किया तो वे बड़े स्टेशनों पर फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम भी बनाते थे। यह वेटिंग रूम लकदक सुविधाओं के लिए जाना जाता था।
ऐतिहासिक है हरिद्वार रेलवे स्टेशन
उत्तराखंड का हरिद्वार रेलवे स्टेशन ऐतिहासिक है। इसे साल 1886 में खोला गया था। शुरू में यह रेलवे स्टेशन अवध और रोहिलखंड रेलवे का हिस्सा था। अंग्रेजों के जाने के बाद इसे उत्तर रेलवे के मुरादाबाद डिविजन का का हिस्सा बना दिया गया। हिंदुओं के बड़े तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हरिद्वार के रेलवे स्टेशन पर शुरू से ही अच्छी सुविधा रही है। वहां दूसरे दर्जे का तो वेटिंग रूम है ही, फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम भी शुरू से ही है।
अब गायब हो गया है फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम
हरिद्वार रेलवे स्टेशन को आधुनिक बनाने का खूब प्रयास हो रहा है। इसी आधुनिकता की बाढ़ में इस स्टेशन से फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम गायब हो गया है। रेलवे के कर्मचारी बताते हैं कि साल 2019 में तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा वहां पहुंचे थे। उसी दौरान काफी चीजों का उद्घाटन हुआ था। तभी फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम को बदल कर एसी लाउंज बना दिया गया। अब उसमें सिर्फ बैठने के लिए पैसेंजर्स को हर घंटे के लिए 30 रुपये प्रति पैसेंजर चार्ज देना होता है।
क्या होता है फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम
फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम फर्स्ट क्लास में सफर करने वाले पैसेजर्स के लिए होता था। अंग्रेजों के जमाने में रेलवे में चार क्लास होते थे। फर्स्ट क्लास, सेकेंड क्लास, इंटर क्लास और थर्ड क्लास। जब देश आजाद हुआ तो रेलवे ने सभी क्लास को खत्म कर दो क्लास रहने दिया, फर्स्ट क्लास और सेकेंड क्लास। फर्स्ट क्लास में सफर करने वाले यात्रियों के लिए ही फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम की व्यवस्था होती है।
इन दिनों इसका नाम बदल दिया गया है
आजादी के बाद तो रेलवे में सिर्फ दो क्लास बचे थे। लेकिन अभी रेलवे में कम से कम आठ क्लास हैं। रेलवे स्टेशनों पर आमतौर पर वेटिंग रूम तो दो ही तरह के हैं, एक सेकेंड क्लास वेटिंग रूम और दूसरा फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम। फर्स्ट क्लास वेटिंग रूम का ही नाम बदल कर अब उच्च श्रेणी या अपर क्लास वेटिंग रूम कर दिया गया है।
किस वेटिंग रूम में किस क्लास के पैसेंजर जाते हैं
सेकेंड क्लास वेटिंग रूम का उपयोग सेकेंड क्लास, चेयर कार और स्लीपर क्लास के पैसेंजर कर सकते हैं। जबकि अपर क्लास वेटिंग रूम का उपयोग वातानुकूलित श्रेणी या एसी क्लास में टिकट कटाने वाले कर सकते हैं। किसी किसी रेलवे स्टेशन पर देखा गया है कि अपर क्लास वेटिंग रूम में थर्ड एसी में टिकट कटाने वालों को भी नहीं घुसने दिया जाता है।