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जोन 13 में पशु मजबूर सड़क पर आने को, मगर इंसानों द्वारा जानबूझकर सड़क किनारे अतिक्रमण

भोपाल. राजधानी के जोन क्रमांक 13 मैं जगह-जगह पशुओं का जमाबाड़ा मिल जाएगा जिसका सबसे बड़ा कारण है जोन 13 में काजी हाउस का ना होना जिस पशु को गाय माता के नाम से पूजा एवं जाना जाता है आज उसी गाय माता को अनाथ बनाकर सड़कों पर बैठने को मजबूर किया जा चुका है, हिंदुत्व की बात करने वाली सरकार गौमाता की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े वादे करने वाली सरकार प्रदेश मैं गौमाता के पुजारियों की है, फिर भी गौमाता सड़क पर ठिकाना ढूंढ रही है। जोन 13 के जितने वार्ड पार्षद हैं जो गौमाता के अपने आपको पुजारी कहलाते हैं आखिर वह कहां हैं ..? गौमाता सड़क पर और पार्षद डललप के गद्दो पर इतना फर्क क्यों सामने क्यों नहीं आते,गौमाता मानने वाले ही गौमाता को फुटपाथ पर जीवन व्यतीत करने के लिए जिम्मेदार हैं जब तक गौ माता दूध देती है तब तक उसकी सेवा संभाल की जाती है और जब दूध देना बंद हुआ तो वही लोग डंडा उठाकर दुत्कारते हुए भगा देते हैं और गौमाता बारिश के इस मौसम में अपने आप को गीला होने से बचाने के लिए सड़कों को अपना ठिकाना बनाने को मजबूर है।

नगर निगम के द्वारा एवं वार्ड के पार्षदों द्वारा ना तो किसी प्रकार का कोई काजी हाउस है और ना ही कोई गौशाला हैं ,अब सवाल उन हिंदुत्व की बात करने वाले हर एक उस व्यक्ति से है क्या गौमाता को इस तरह सड़कों पर ठोकर खाना चाहिए या नहीं अगर वह लोग हिंदुत्व के ठेकेदार हैं गौ माता के शुभचिंतक हैं तो वे सड़कों पर उतरे और गौ माता की सुरक्षा करने के लिए सामने आए।

वही हम बात करें नगर निगम के जोन क्रमांक 13 की जहां भारतीय जनता पार्टी के गली मोहल्ले के छुटभईऐ अपने आप को किसी विधायक से कम न समझने वाले छुटभईऐ नेताओं ने जानबूझकर सड़क के किनारे बड़े जोरों से अतिक्रमण करने का रिवाज चलाया हुआ है सूत्र बताते हैं अतिक्रमणकारी अपने आप को बीजेपी के नेता बताते हैं और यह भी कहते हैं, दिल्ली में हमारी सरकार है, प्रदेश में हमारी सरकार है, वार्डो में हमारे पार्षद हैं, राजधानी का महापौर हमारा है, हम जहां चाहे जो भी चाहे कर सकते हैं हमारा कौन क्या कर लेगा सरकार के नशे में चूर छुटभईऐ नेताओ को नियम कानून का कोई डर तो है नहीं, इसीलिए बेफिक्र होकर जोनल अधिकारी के कार्यालय के आसपास जैसे एन आर आई स्कूल से कटारा हिल्स की तरफ जाने वाली सड़क पर, अमराई तिराहे सुलभ कंपलेक्स के पास, रेत बाजार से कटारा हिल्स की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क नहर के किनारे पूरी तरह से अतिक्रमण कर कब्जा जमाए हुए हैं।

सरकार के नशे में चूर इन अतिक्रमणकारियों को सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का जरा भी एहसास नहीं है किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं हैं अतिक्रमण कारी शायद यह भी नहीं जानते कि जिन दुर्घटनाओं में दुर्घटनाग्रस्त हुए लोग हैं, कभी तुम्हारे परिवार के भी मेंबर हो सकते हैं अपने निजी स्वार्थ के चलते जहां भी सड़क किनारे तनिक भी जगह खाली देखी तो, ये छुटभईऐ नेता कुर्ता पजामा पहन, गले में केसरिया गमछा डाल, सरकार की धमकी दिखाकर अतिक्रमण करचुके हैं। और आगे भी जहां इन्हें सरकारी जमीन नजर आएगी वहां भी अतिक्रमण करने में पीछे नहीं हटेंगे। सूत्रों का कहना है अतिक्रमण कारी कहते हैं (मामा है तो क्या गम है ) राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अतिक्रमणकारियों के आगे नगर निगम के जोन 13 का अतिक्रमण दस्ता भी लाचार होकर घुटनों पर बैठा हुआ हैं। क्या ऐसे में राजधानी के निवासी सुरक्षित सड़कों पर आवागमन कर सकेंगे, क्या जोन 13 की सड़कों पर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित होगी। या जय जय श्री राम के नारे लगाकर कुर्ता पजामा पहन गले में केसरिया गमछा डाल कर ऐसे ही अतिक्रमण सड़कों पर करते रहेंगे।

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