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पांढुर्ना में एक बार फिर हुआ सिख धर्म के धार्मिक चिन्ह केश एवं दस्तार का अपमान

पुलिस ने महिलाओं के साथ भी की हाथापाई एवं बदतमीजी

पूरे मध्य प्रदेश की गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटीयां देख रही बैअदबी का नजारा पांच दिन बीत गऐ कोई भी सिख नेता इस मामले में बोलने को तैयार नहीं

मध्य प्रदेश के पांढुर्णा शहर में एक बार फिर हुआ सिख धर्म का अपमान घटना होली वाले दिन की है जहां दो सिख युवकों को पुलिस ने केश पड़कर बड़ी ही बेरहमी से पीटा अपमान यहां नहीं रुकता सिख महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मियों ने बदतमीजी तो की ही साथ-साथ हाथापाई भी की।

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है जिन युवकों एवं महिलाओं को केश पड़कर बड़ी ही बेरहमी से पीटा गया वह सिखलीगर सिख समाज से आते हैं शायद इसीलिए पुलिस ने उनके ऊपर जुल्म ढाया क्योंकि वह गरीब और मजबूर लोग हैं ,

बताया जा रहा है दोनों युवक होली खेलने के लिए रंग खरीदने नजदी की ही किसी दुकान पर गए थे वहां भीड़ होने की वजह से कुछ कहा सुनी हुई और धक्का-मुखी होने लगी वहां पर मौजूद पुलिस वैन में से कुछ पुलिसकर्मी उतारे और उन्होंने सिख युवकों को पीटना शुरू कर दिया युवकों को पिटते हुए देख उनके परिवार की महिलाऐ बीच बचाव करने पहुंची तो पुलिस कर्मियों ने उन महिलाओं तक को नहीं छोड़ वीडियो में देखा जा सकता है सिख युवक को पुलिस ने पुलिस वैन में बिठाया और वहां उसके केश पड़कर बड़ी ही बेरहमी से पीटा यहां बता दें इस समाज के 90% लोग सिख मर्यादा रहित हैं जो केश, कंगा, कड़ा, कछेरा, कृपाण, धारण किए हुए संपूर्ण सिख है सिख धर्म में इन पांच निशानियां का बहुत बड़ा महत्व है एवं सिख धर्म का प्रतीक भी है जिसे आए दिन पुलिसकर्मियों द्वारा कभी भी कहीं भी किसी सिख की पगड़ी पर हाथ डाल देते हैं कहीं दाढ़ी पकड़ लेते हैं पांढुर्णा पुलिस ने तो बहुत ज्यादाती ही कर दी जिसने सिख के केशो को पकड़ कर बुरी तरह पीटा और समूचे सिख धर्म का अपमान किया क्योंकि केश सिख धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक चिन्ह है।

पीड़ित परिवारों ने समूचे समाज से यह मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाही करवाई जाए लेकिन अफसोस मध्य प्रदेश का पूरा सिख समाज एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियां मुख्य दर्शक बनी चुपचाप बैठी है।

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