गंगेश्वर सुख सागर सेवा समिति द्वारा खुले आम दुकानों का धड़ल्ले से किया जा रहा निर्माण कार्य
जोन अधिकारी, वार्ड प्रभारी, सिविल इंजीनियर ने कहा दुकान बनाने की कोई अनुमति नहीं
राजधानी भोपाल में साकेत नगर बीडीऐ परिसर स्थित एम्स की बाउंड्री से लगा हुआ गंगेश्वर सुख सागर सेवा समिति द्वारा मंदिर की आड़ में दुकाने बनाने का निर्माण कार्य बेधड़क किया जा रहा है, जिसमें सबसे बड़ी बात तो यह समिति या किसी भी संस्था को यह अधिकार ही नहीं है कि वह मंदिर की आड़ में समिति के माध्यम से किसी भी प्रकार का कोई शॉपिंग सेंटर यह दुकानों का निर्माण कार्य कर सके।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जहां इन दुकानों का निर्माण किया जा रहा है वह भूमि गंगेश्वर सुख सागर समिति को आमंटित ही नहीं है, करीबन 20 वर्ष पहले यह भूमि भेल प्रशासन की हुआ करती थी जब से एम्स हॉस्पिटल का यह प्रोजेक्ट शासन प्रशासन के द्वारा पास हुआ तो भैल प्रशासन ने यह भूमि केंद्र सरकार को सुपुर्द कर दी जहां आज एम्स हॉस्पिटल संचालित है
यह तो भैल प्रशासन और सेंट्रल गवर्नमेंट की मेहरबानी है कि उन्होंने इस मंदिर की कोई छेड़छाड़ नहीं की और ना ही मंदिर बनाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई अनुमति दी यह तो सिर्फ समिति की धक्काशाही हैं कि वह जबरिया बिना किसी अनुमति के बड़े पैमाने पर दुकानों का निर्माण कर रहा है इस सारे मामले की लिखित शिकायत नगर निगम एवं एसडीएम एमपी नगर को की जा चुकी है अब देखना यह है कि इस तरह के अतिक्रमण को राजधानी का प्रशासन कब संज्ञान में लेकर कार्यवाही करता है।
सूत्रों से यह भी लगातार जानकारी प्राप्त हो रही है इन दुकानों का निर्माण कार्य करने से पहले कुछ दुकान बैची भी जा चुकी हैं इस समिति से जुड़े हुए जितने भी पदाधिकारी हैं उन्हें वर्तमान की सरकार के नेताओ का संरक्षण प्राप्त है शायद यही वजह है जो बिना अनुमति के धड़ल्ले से दुकानों का निर्माण किया जा रहा है, एक तरफ तो मध्य प्रदेश की सरकार एवं केंद्र की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की बात हैं वहीं दूसरी तरफ इस तरह के भ्रष्टाचार को मोनसाधे देख भी रही हैं।