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नगर निगम भोपाल में वर्षों से पदस्थ अधिकारियों के कारण भोपाल का विकास अवरुद्ध हुआ

भोपाल. भोपाल नगर निगम की कहानी कोई छोटी-मोटी नहीं है यदि इसके प्रारंभ से आज दिनांक तक इसके कार्यकलापों और इसमें पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की यदि कुंडली खागाली जाए तो पता चलेगा कि नगर निगम भोपाल में किस तरह से अपने आंकाओ को खुश रखते हुए अनेक अधिकारी और कर्मचारी इस निगम में ही नहीं इस निगम की विभिन्न शाखाओ मैं बरसों से पदस्थ हैं और आम जनता की परेशानी का कारण तो है ही साथ ही भोपाल के विकास में एक बहुत बड़ी बाधा बने हुए हैं यही कारण है कि निगम का डीजल घोटाला हो या अन्य घोटाले इन घोटालों को पकड़ने वाले अथवा इसकी जांच करने वाले अधिकारी अवश्य नगर निगम भोपाल से रुखसत हो गए लेकिन शासन इन घोटालों को रोकने में अथवा इन घोटालों को करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारी यो का बाल भी बांका नहीं कर सका जैसा कि आप सभी जानते हैं खबर खालसा मामले की तह में जाकर ही काम करता है और मध्य प्रदेश सरकार को सुशासन स्थापना करने के लिए अपने पत्रकारिता के माध्यम से सही सूचनाओं को पहुंच कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका का निरंतर ईमानदारी के साथ निर्वाह कर रहा है इसी कड़ी में नगर निगम भोपाल को दीमक की तरह चट करने वाले उन अधिकारियों से आज रूबरू करवाने जा रहा है जो वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं

लालजी चौहान
सिटी प्लानर नगर निगम 15 वर्षों से जमे

जिसमें सिटी पिलानर लालजी चौहान प्रभारी सिटी प्लानर के रूप में लगभग 15 वर्षों से पदस्थ हैं इसी प्रकार अनिल साहनी सहायक यंत्री जो की जॉन तेरा गार्डन वेद कॉलोनी फर्जी कंप्लीशन रिपोर्ट के मामले में निलंबित तो हुए लेकिन फिर वही पदस्थ हो गए और उन्हें लगभग एक ही स्थान पर 5 वर्ष हो चुके हैं वही महेश सिसोदिया सहायक यंत्री भी लगभग 15 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं

महेश सिरोलिया
सहायक यंत्री नगर निगम 15 वर्षों से जमे

नगर निगम में कारनामा कर रहे ऐसे अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जो अपने रसूख के दम पर बरसों से जमे हुए हैं जब इस संबंध में खबर खालसा के प्रबंध संपादक आरएस सिंह खालसा मैं असिस्टेंट कमिश्नर नगर निगम भोपाल पवन सिंह से जानना चाहा कि इस प्रकार की अनियमित का क्या कारण है तो उनका कहना था यह शासन स्तर का मामला है

अनिल साहनी
सहायक यंत्री नगर निगम
फर्जी कंप्लीशन के मामले में निलंबित हुए दोबारा फिर उसी जगह पर 5 वर्षों से जमे

इसमें हम कुछ नहीं कर सकते एक तरफ तो नगर निगम की कार्य प्रणाली महापौर और आयुक्त नगर निगम पर निर्भर करती है फिर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपनी बेबसी का इस प्रकार इजहार करना आखिर क्या संदेश देता है प्रदेश के मुख्यमंत्री को चाहिए कि भोपाल के समुचित विकास और आम जनता के बीच में उत्तम छवि निर्मित करने के लिए मध्य प्रदेश शासन भोपाल नगर निगम की कार्य प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपने हाथ में लेते हुए सुशासन स्थापना करने के लिए एक नजीर पेश करें

इसी मामले में असिस्टेंट कमिश्नर पवन सिंह से खालसा की बातचीत

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