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जत्थेदार साहब का जबलपुर में भव्य स्वागत हुआ




गुरुद्वारा साहिब प्रेम नगर जबलपुर में गुरमत समागम में पहुंचे श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहब




जबलपुर.  सिख धर्म की सिरमौर संस्था पंथ का सुप्रीम कोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार भाई साहब ज्ञानी रघुवीर सिंह जी के जबलपुर आगमन पर सिख संगत ने श्रद्धा भावपूर्वक जत्थेदार साहब का अभिनंदन एवं स्वागत किया प्रेम नगर गुरुद्वारा साहिब जबलपुर में गुरमत समागम का आयोजन किया गया था जिसमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहब पहुंचे एवं आयोजन को गुरमत विचारों से सजा दिया।



गुरमत समागम में समूची सिख संगत के साथ-साथ सिख यूथ एवं सीनियर एसोसिएशन एनजीओ के वीरों द्वारा परंपरागत सत्कार किया गया एसोसिएशन के समस्त मेंबरों के द्वारा जत्थेदार साहब को पुष्पमाला, गुलदस्ते, स्मृति चिन्ह भैट कर स्वागत किया गया वही एसोसिएशन के दलबीर सिंह जस्सल ने सिख समाज की विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जत्थेदार साहब को अवगत कराया , जिसमें विशेष रूप से सिख समाज को पिछड़े वर्ग की सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलवाना सिख परिवारों को धर्म के आधार पर उक्त सुविधाओं से वंचित कर दिया जाता है जबकि पिछड़ा वर्ग की सुविधा धर्म पर आधारित न होकर जाती पर आधारित है, सिखलीकर सिख एवं बंजारा सिख के उत्थान के लिए कुछ विशेष योजनाएं बनाना, जबलपुर से अमृतसर साहब के लिए नियमित ट्रेन दोबारा शुरू कराना जोकि पूर्व में चलती थी जिसे कोविड के बाद से बंद कर दिया गया हैं, सिख समाज की ऐसी कई समस्याएं जैसे समाज के युवाओं के लिए रोजगार बच्चों की शिक्षा गरीब परिवारों के लिए घरेलू उद्योग इत्यादि ।



इस अवसर पर एसजीपीसी द्वारा उज्जैन में नियुक्त किए गए मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के प्रभारी सरदार बलदेव सिंह उगरा, एसोसिएशन   के वरिष्ठ एवं गुरमत समागम के संयोजक सरदार अजीत सिंह नैयर, सरदार प्रदीप सिंह सूच, सरदार जतिंदर सिंह, सरदार सुरिंदर सिंह खनूजा, सरदार पृथ्वी पाल सिंह, सरदार गुरविंदर सिंह जस्सल, हरविंदर सिंह गोलू, प्रधान सरदार मनोहर सिंह रील, रणजीत सिंह गुगंली, सरदार सुरेंद्र सिंह होरा, सरदार मनजीत सिंह ननडा़, प्रदेश  सरकार में रहे पूर्व मंत्री सरदार हरजीत सिंह बब्बू जत्थेदार साहब के स्वागत में विशेष रूप से अवस्थित रहे।



इस मौके पर श्री दरबार साहिब अमृतसर से पधारे विशेष रागी जत्था ने गुरबाणी शबद कीर्तन के माध्यम से समूची सिख संगत को गुरु चरणों से जोड़ा अंत में शरबत के भले के लिए अरदास की गई पश्चात गुरु का अटूट लंगर वरताया गया जिसे हर धर्म एवं हर वर्ग के श्रद्धालुओं ने गुरु का प्रसाद ग्रहण किया एवं गुरु चरणों में माथा भी देखा।

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