‘बूढ़ा, जिद्दी और खतरनाक अमीर’ जॉर्ज सोरोस याद हैं न आपको, अब इस अमेरिकी अरबपति ने बेटे को सौंपा कारोबार
नई दिल्ली:अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस (George Soros) आपको याद है ना? भारत के आंतरिम मामलों में टिप्पणी करने वाले,भारत में सरकार बदलने की वकालत करने वाले और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले अमेरिकी अरबपति ने अपना साम्राज्य अपेन बेटे को सौंप दिया है। पीएम पर विवादित बयान करने वाले जॉर्ज सोरोस पर खूब हंगामा हुआ था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तो सोरोस को बूढ़ा, जिद्दी, अमीर और खतरनाक बताया था। अब इस अमेरिकी अरबपति ने अपने कारोबार के 25 अरब डॉलर का कंट्रोल अपने बेटे अलेक्जेंडर सोरोस को सौंप दिया है।
कौन हैं जॉर्ज सोरेस
अरबपति फाइनेंसर जॉर्ज सोरोस ने अपने विशाल साम्राज्य का नियंत्रण अपने बेटे अलेक्जेंडर सोरोस को सौंपा दिया है। 92 साल के सोरोस ने अपने बड़े बेटे अलेक्जेंडर सोरोस को 25 अरब डॉलर का कारोबार सौंप दिया है। सोरेन चाहते थे कि ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन (OSF) को उनके पांचों बच्चे मिल कर संभालें, लेकिन अब अब उन्होंने इसकी जिम्मेदारी अपने बड़े बेटे को सौंपने का फैसला किया है। 37 साल के अलेक्जेंडर सोरोस अब ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन (OSF)के चेयरमैन होंगे। OSF बोर्ड ने दिसंबर में एलेक्स को अपना चेयरमैन चुना।
विवादित रही है जॉर्ज की छवि
जॉर्ज सोरोस अमेरिका के बड़े कारोबारियों में शामिल है, लेकिन उनकी छवि विवादित रही है। साल 1930 में हंगरी के बुडापेस्ट में उनका जन्म एक यहूदी परिवार में पैदा हुआ। साल 1947 में सोरोस अपने परिवार के साथ बुडापेस्ट से लंदन आ गए। परिवार को पालन-पोषण करने के लिए उन्होंने कुली और वेटर के तौर पर काम किया। इसी से पैसा जुटाकर उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई की। साल 1956 में वो लंदन से अमेरिका चले गए। अमेरिका में सोरोस ने फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट सेक्टर में काम करने का फैसला किया। साल 1973 में ‘सोरोस फंड मैनेजमेंट’ के नाम से कंपनी बनाई। इसके बाद उन्होंने अमेरिकी शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया। अगले 6 साल में वो करोड़पति बन गए। उन्होंने रंगभेद का सामना कर रहे ब्लैक छात्रों को स्कॉलरशिप देने लगे। उनकी पहचान दुनिया के सबसे बड़े करेंसी ट्रेडर के तौर पर हो गई।
जॉर्ज पर लगते रहे आरोप
जॉर्ज सोरोस पर कई गंभीर आरपो लगे। उनपर साल 1992 में बैंक ऑफ इंग्लैंड को तबाह कर कमाई करने का आरोप लगा। अपनी ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की मदद से वो 100 देशों तक पहुंच गए। उन्होंने जॉर्ज बुश को हराने के लिए 125 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इतना ही नहीं उन्होंने मीडिया कंपनी फॉक्स न्यूज को बर्बाद करने के लिए 1 मिलियन डॉलर लगा दिए। उन्होंने ब्रेक्जिट के खिलाफ अभियान चलाने में 4 लाख पाउंड खर्च कर दिए। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ठग कहा था। भारत में भी उन्होंने गंभीर आरोप लगाए।