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कांबली की आंखों में आंसू, भारत के माथे पर लगा था कलंक, अब मिटाने को तैयार ईडन गार्डन्स

नई दिल्ली: आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 का आयोजन भारत में होने जा रहा है। टूर्नामेंट की शुरुआत 5 अक्टूबर से इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले से होगी। भारत के कुल 10 अलग-अलग वेन्यू पर विश्व कप के सभी मैच खेले जाएंगे जिसमें कोलकाता के ईडन गार्डन्स को पांच मैच मिले है। ईडन गार्डन्स में पहला मैच 28 अक्टूबर को क्वालीफायर-1 की विजेता टीम और बांग्लादेश के बीच होगा जबकि 31 अक्टूबर को पाकिस्तान और बांग्लादेश की टीमें इसी मैदान पर भिड़ेगी। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच मैच भी इसी स्टेडियम में खेला जाना है।

विश्व कप 2023 के लिए जैसे ही शेड्यूल की घोषणा हुई और कोलकाता के ईडन गार्डन्स का नाम वेन्यू के तौर रखा गया। वैसे ही एक कड़वी याद भी जेहन में ताजा हो गई। कोलकाता के ईडन गार्डन्स और विश्व कप से जुड़ा वो कलंक जो भारत के माथे पर 1996 में लगा था अब मौका है कि एक सफल आयोजन के साथ उसे मिटाया जा सके। ऐसा नहीं है कि उसके बाद से इस मैदान पर फिर कोई मैच नहीं खेला गया है।

ईडन गार्डन्स भारत के सबसे सुंदर स्टेडियमों से एक है और कई ऐतिहासिक उपलब्धियां भी है। ईडन गार्डन्स में ही साल 1987 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच विश्व कप का फाइनल खेला गया था। 2016 में इसी मैदान पर इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टी20 विश्व कप की खिताबी भिड़ंत हुई थी। ऐसे कई ऐतिहासिक लम्हे रहे जिसका गवाह ईडन गार्डन्स बना लेकिन 1996 का कलंक नहीं मिट पाया।

1996, भारत-श्रीलंका के मैच में क्या हुआ था?
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारत और श्रीलंका के बीच 1996 विश्व कप का सेमीफाइनल मैच खेला गया था। भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारत के गेंदबाजों ने टीम इंडिया को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन अरविंद डि सिल्वा ने श्रीलंका की पारी को संभाल लिया। डि सिल्वा ने 66 रनों की पारी खेली।

डि सिल्वा के साथ रही सही कसर रोशन महानामा ने 58 रन बनाकर पूरी कर दी। इस तरह श्रीलंका 50 ओवर के खेल में 8 विकेट के नुकसान पर 251 रन का स्कोर बना लिया। अब चुनौती भारत के सामने थी। टीम इंडिया के लिए नवजोत सिद्धू और सचिन तेंदुलकर ने पारी की शुरुआत की लेकिन सिद्धू सस्ते में आउट हो गए लेकिन सचिन डट गए।

सचिन ने अर्धशतक जड़ते हुए भारत के स्कोर को 100 रनों के करीब पहुंचा दिया। इस बीच तीन स्पिन गेंदबाजों के साथ ही उतरी श्रीलंकाई टीम ने भारत पर लगातार दबाव बना रही थी। भारतीय पारी के 25वें ओवर तक सब ठीक लेकिन यहीं से बात बिगड़नी शुरू हो गई।

सचिन हुए थे स्टंप आउट
सचिन के आउट से होने से पहले भारत का स्कोर 25 ओवर में 1 विकेट पर 98 रन था। उनका साथ दे रहे थे संजय मांजरेकर। सचिन 67 रन बनाकर खेल रहे थे तभी सनथ जयसूर्या ने उन्हें स्टंप आउट करा दिया। फिर क्या था टीम इंडिया के विकेट पत्तों की तरह गिरने लगे।

कप्तान अजहरुद्दीन अपना खाता भी नहीं खोल सके। लगातार विकेट गिरते देख स्टेडियम में मौजूद कुछ दर्शक बेकाबू हो गए और बोतलें मैदान पर फेंकनी शुरू कर दी। इसके कारण खेल रोक दिया गया और श्रीलंकाई फील्डर बाउंड्री से हटकर पिच के पास पहुंच गए। जल्द ही हालात काबू से बाहर हो गए और कुछ बदमिजाज दर्शकों ने स्टेडियम की सीटों पर आग लगा दी।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में शायद इससे पहले ऐसा दृश्य दिखा था। पुलिस ने हालात को काबू करने की पूरी कोशिश की, लेकिन बहुत मशक्कत करना पड़ा। जैसे तैसे खेल को शुरू करने की कोशिश की गई। भारत के लिए क्रीज पर विनोद कांबली और अनिल कुंबले थे। हार लगभग तय थी लेकिन कंबाली डटे थे। हालांकि जब हालात नहीं सुधरे, तो मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया।

कांबली की आंखों में आंसू
श्रीलंकाई टीम ने जिस तरह का खेल दिखाया था उसमें कोई शक नहीं कि वह विजेता थी। भारत हर मामले में श्रीलंका से पीछे रह गई थी लेकिन दर्शकों ने जो किया उसे देख कांबली पर इसका बड़ा असर हुआ। डग आउट में वापस जाते समय में उनकी आंखों से आंसू छलक गए। हालांकि श्रीलंकाई टीम पर इसका कुछ खास असर नहीं पड़ा।

इस घटना के तीन दिन बाद ही वह लाहौर में खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर विश्व चैंपियन बना लेकिन इस बीच भारत के माथे में हमेशा के लिए कलंक जरूर लग गया।

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