बिहार में खिला स्वर्ग लोक वाला फूल, आराधना से मुराद होती है पूरी
मुजफ्फरपुर: बिहार में देवलोक वाला कल्पवृक्ष का फूल खिल गया है। इसे काफी शुभ माना जाता है। इसे कल्पद्रुप, कल्पतरु, सुरतरु, देवतरु नाम से भी जाना जाता है। लंगट सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार कल्पवृक्ष का फूल देखा है। ये कॉलेज के लिए भी बेहद सुखद संयोग है। वहीं, कॉलेज में कल्पवृक्ष की देखभाल करने वाले माली हरेंद्र ने मीडिया को बताया कि शादी के बाद 12 साल तक उनको बच्चा नहीं हुआ था, लगातार कल्पवृक्ष के सेवा करने से उन्हें संतान की प्राप्ति हुई।
मुजफ्फरपुर में खिला स्वर्ग लोक वाला फूल
पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से मिले 14 रत्नों में कल्पवृक्ष भी था। ये इंद्र को दे दिया गया था। इंद्र ने इसे सुरकानन वन में लगाया था। सनातन धर्म मानने वालों का विश्वास है कि कल्पवृक्ष से जिस मुराद की भी याचना की जाए, वो पूरी होती है। ये कभी खत्म नहीं होता है। वैसे, कल्पवृक्ष का पेड़ बेहद दुर्लभ होता है। कहा जाता है कि ये स्वर्गलोग का पौधा है।
फूल को खिलते हुए देखना ही सौभाग्य की बात
शास्त्रों की मानें तो देव लोक और चंद्र लोक पर भी यही कल्पवृक्ष का पौधा है। धरती पर कुछ ही जगह पर कल्पवृक्ष का पेड़ मौजूद है। पेड़ तो फिर भी दिख जाता है, मगर इसका फूल शायद ही कहीं दिखता है। कहा जाता है कि ये स्वर्ग लोक का पौधा है। लोग इस पेड़ में फूल को खिलते हुए देखना ही सौभाग्य मानते हैं।
कल्पवृक्ष की पत्तियां शायद की कभी गिरती है
वृक्षों और जड़ी-बूटियों के जानकारों की मानें तो ये मोटे तने वाला फलदायी वृक्ष है। पीपल के वृक्ष की तरह फैलता है। टहनी और पत्ते लंबे होते हैं। इसका फल नारियल की तरह होते हैं। कल्पवृक्ष का फूल कमल के फूल में रखी किसी छोटी-सी गेंद में निकले असंख्य रुओं की तरह होता है। सदाबहार रहने वाले इस कल्पवृक्ष की पत्तियां शायद की कभी गिरती है।