आखिर नहीं सरक रही पुलिस प्रशासन के कान में जूं !
‘बेखौफ दिलेरी से खिलाया जा रहा बाग मुगालिया मैं सट्टा बुत बना बैठा थाना बागसेवनिया‘
भोपाल – जहां एक तरफ तो राजधानी में पुलिस महकमे के आला अफसरों द्वारा अपराध पर रोक लगाना ड्रग्स माफिया के खिलाफ एवं गुंडे बदमाशों के द्वारा किए जाने वाले अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के द्वारा जो वादे किए जा रहे हैं वह अब लोरी से लगने लगे हैं
जिसका प्रमाण बाग मुगलिया मैं देखा जा सकता है इसी क्षेत्र का निवासी सुभाष संगेकर उर्फ भाऊ नामक व्यक्ति सट्टे का बड़ा खाईबाज हैं वैसे तो इसके कई साथी हैं जो इस अवैध कारोबार में लिप्त है इसका मुख्य कर्ता-धर्ता लाला नामक व्यक्ति है जिसकी थाना बागसेवनिया में तूती बोलती है जिसके दम पर बाग मुगालिया में सैकड़ों लोगों से हजारों रुपए की सट्टे के नंबर की पत्तियां लेना एवं लाखों रुपए का गेम उतारने का काम करता है, जिसकी सूचना मीडिया में छपी खबरों के आधार पर क्षेत्र के थाने एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक पहुंच चुकी है जानकारी तो पहले भी थी लेकिन क्षेत्रीय थाना चुप्पी साधे बुत बना बैठा था।
इसके पीछे दो मुख्य कारण हो सकते हैं पहला तो ये खाईबाज को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होना दूसरा क्षेत्रीय थाने का कोई निजी स्वार्थ होना देखा जा रहा है शायद यही बजह है पुलिस की अनदेखी करने का पिछले कई दिन से लगातार मीडिया के द्वारा खबरें प्रकाशित की जा रही हैं बावजूद इसके क्षेत्रीय थाना एवं वरिष्ठ अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं और सुभाष संगेकर उर्फ भाऊ के सट्टे के इस खेल को बुत बनकर देख रहे हैं।
क्या पुलिस प्रशासन के कछुए की चाल जैसे रवैया से राजधानी में अपराध को रोका जा सकता है ,क्या पुलिस कमिश्नर राजधानी को शांति टापू बना सकेंगे, क्या प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सुशासन स्थापना का सपना पूरा हो सकेगा, क्या राजधानी अपराध मुक्त शहर बन सकेगा।