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पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर मुख्य मार्ग बनाने में लगे कान्हां सैया रोड पर बिल्डर

वन विभाग और एमपी आरडीसी के अधिकारियों को इसकी कोई फिक्र नहीं

भोपाल. राजधानी के नया बाईपास रोड पर बिल्डरों की मनमानी का तांडव लगातार कई वर्षों से देखा जा रहा है वही संबंधित विभाग के अधिकारियों का उस तरफ कोई ध्यान नहीं हैं

मीडिया के द्वारा संबंधित विभाग के अधिकारियों को निरंतर इसकी जानकारी देने के बावजूद भी बिल्डरों का तांडव बरकरार हैं, विडंबना तो यह है अब एमपी आरडीसी और वन विभाग के अधिकारी मीडिया का फोन उठाने को भी तैयार नहीं।

कान्हांसैया से विदिशा की ओर जा रहे मुख्य हाइवे के दोनों तरफ बिल्डरों ने पूरी तरह से हरे-भरे पेड़ों को नष्ट कर दिया हैं एवं एमपी आरडीसी की भूमि पर बिना किसी अनुमति के मुख्य मार्ग का निर्माण कर देने की मनमानी कई वर्षों से चल रही है कान्हांसैया हाईवे के दोनों तरफ लगभग 70 फीट तक एमपी आरडीसी की भूमि है जिस पर वन विभाग के द्वारा कुछ वर्षों पहले करोड़ो रुपये की लागत से प्लांटेशन किया गया था जो कि आप धीरे-धीरे नष्ट होने की कगार पर पहुंच चुका है

इतना ही नहीं बिल्डरो, वेयरहाउसो के संचालकों ने बेखौफ होकर पहले तार काटे हरे भरे पेड़ों को काटा और फिर उसी जगह पर बिल्डरों ने मुख्य मार्ग बना लिये यह मुख्य मार्ग अपने प्रोजेक्ट तक पहुंचाने के लिए बगैर टीएनएसपी की अनुमति के प्लाटिंग करने वाले इन बिल्डरों ने जो मुख्य मार्ग बनाए हैं उनमें जितना भी पत्थर बिछाया गया है वह सारा का सारा चोरी का है

खनिज विभाग के अधिकारियों की तो खनिज माफिया पर पूरी कृपा बनी हुई है वहीं अब ऐसा लग रहा है एमपी आरडीसी और वन विभाग की भी इन बिल्डरों से मिली भगत हैं शायद यही वजह है इन संबंधित विभाग के अधिकारियों को फोन पर सूचना देने के बावजूद भी उनके कानों में जूं नहीं रेग रही ऐसा प्रतीत होता है कि इन बिल्डरों ने सभी विभाग के अधिकारियों को अपनी जैबो में डाला हुआ है

अब सवाल यह है संबंधित विभाग के अधिकारी अपने दफ्तरों से बाहर निकाल कर हरे भरे पेड़ों को नष्ट कर शासकीय भूमि पर कब्जा करने वाले बिल्डरों पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे मध्य प्रदेश में सुशासन की स्थापना का सपना देखने वाले मुख्यमंत्री की इस मुहिम में अपना योगदान क्यों नहीं दे रहे। उधर गर्मी का पूरी तरह फायदा उठाते हुए अवैध प्लाटिंग करने वाले बिल्डरों ने प्लांटेशन को नष्ट कर शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया और संबंधित विभाग के अधिकारी अपने एयर कंडीशन ऑफिस में आराम से चैन की नींद सोते रहे।

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