पीएम मोदी का अमेरिका दौरा तय करेगा भविष्य के रिश्तों का आधार, राजकीय यात्रा पर जाने वाले दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री
वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दोनों देशों के संबंधों के लिए निर्णायक होने की संभावना है। दोनों पक्ष ऐसे मजबूत परिणामी दस्तावेज पर काम कर रहे हैं जिनमें आने वाले दशकों के लिए द्विपक्षीय संबंधों की रूपरेखा तय करने वाले मामले शामिल हो सकते हैं। मोदी को राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने आधिकारिक राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया है। उनकी इस यात्रा में 22 जून को राजकीय रात्रिभोज भी शामिल होगा। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा है कि पीएम मोदी का अमेरिका दौरा 21वीं सदी के परिभाषित संबंधों को और मजबूत करेगा।
दौरे की तैयारियां जारी
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि आर्थिक संबंध भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के केंद्र में हैं। उनका कहना था कि दोनों देश भविष्य के विचारों और उन्हें आगे बढ़ाने वाले मानदंडों को आकार देने में मदद कर रहे हैं। ऐतिहासिक यात्रा के लिए इस सप्ताह दोनों देशों की राजधानियों में तैयारियों के जोर पकड़ने की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ दूसरे दौर की आईसीईटी वार्ता के लिए नयी दिल्ली जा रहे हैं। बाइडन और मोदी ने मई 2022 में महत्वपूर्ण एवं उभरती हुई प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) संबंधी अमेरिका-भारत पहल की घोषणा की थी। इसका मकसद दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शिक्षण संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाना और विस्तारित करना था।
ज्वॉइन्ट स्टेटमेंट पर काम जारी
यात्रा की योजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार दोनों पक्ष संयुक्त बयान को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिसे एक मजबूत परिणामी दस्तावेज बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि यह आने वाले दशकों के लिए भारत-अमेरिका संबंधों की प्रकृति और रूपरेखा को आकार देगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतिम फैसला दोनों नेताओं द्वारा 22 जून को किया जाएगा और अभी संयुक्त बयान का जो मसौदा तैयार किया जा रहा है, माना जाता है कि इसमें उन मुद्दों का जिक्र होगा जो भारत-अमेरिका साझेदारी को आगे बढ़ाएंगे। इनमें प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और रक्षा जैसे क्षेत्र महत्वपूर्ण होंगे।
दुनिया के लिए जरूरी है रिश्ते
सभी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत राय शामिल होने की संभावना है और उन्होंने जोर दिया है कि इन्हें लोगों के विकास और कल्याण से जोड़ा जाना चाहिए। दोनों नेताओं का मानना है कि भारत-अमेरिका संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि शेष विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि परिणामी दस्तावेज में दोनों नेताओं के दृष्टिकोण के परिलक्षित होने की उम्मीद है। मोदी की इस राजकीय यात्रा के बाद, दोनों देशों के संबंधों के आगे बढ़ने की उम्मीद है। भारत को अमेरिकी कंपनियों के लिए एक बड़े बाजार के रूप में देखे जाने से लेकर संबंधों के दो विश्वसनीय भागीदारों के रूप में देखा जा रहा है, खासकर आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र में।
साल 2009 में मनमोहन गए राजकीय यात्रा पर
इसमें अहम चीज अमेरिकी प्रौद्योगिकी के साथ बड़े पैमाने पर और रियायती कीमतों पर उत्पादन करने की क्षमता है। इस यात्रा के फलस्वरूप दोनों देशों के बीच भरोसे के एक नए स्तर पर पहुंचने की संभावना है। व्हाइट हाउस हिस्टोरिकल एसोसिएशन के अनुसार, यह अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किसी भारतीय नेता के लिए आयोजित 11वां राजकीय रात्रिभोज होगा। लेकिन पिछले 75 साल में केवल दो भारतीय नेताओं को आधिकारिक राजकीय यात्रा का सम्मान दिया गया है। इससे पहले जून 1963 में राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन और नवंबर 2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राजकीय यात्रा के साथ सम्मानित किया गया था।
मेगा इवेंट की तैयारियां जोरों परमोदी 23 जून को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। मोदी दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे। वह इजराइल को छोड़कर तीसरे ऐसे विश्व नेता होंगे जिन्होंने दो बार अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया हो। अन्य दो नेताओं में विंस्टन चर्चिल और नेल्सन मंडेला शामिल हैं। मोदी ने इससे पहले 2016 में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री मोदी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेने के बाद न्यूयॉर्क से वाशिंगटन रवाना होंगे। बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी व्हाइट हाउस के सामने पार्क में और अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक गेस्ट हाउस ब्लेयर हाउस के पास एक ‘मेगा’ सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं।