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आज इतना रो क्यों रही है सबको हंसाने वाली अमूल गर्ल!

नई दिल्ली: सफेद-लाल रंग का डॉटेड फ्रॉक पहनी सबकी लाडली ‘अटरली-बटरली’ अमूल गर्ल (Amul Girl) आज रो रही है। हमेशा सबको हंसाने वाली चुलबुली अमूल गर्ल के आंखों में आज आंसू हैं। आज वो दर्द में हैं, क्योंकि उनके जन्मदाता का साथ छूट गया है। 1966 में अमूल गर्ल को जन्म देने वाले सिल्वेस्टर दाकुन्हा नहीं रहे। जिन्हें ‘फादर ऑफ अमूल गर्ल’ कहा जाता था, अब वो दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। अमूल गर्ल को घर-घर फेमस करने वाले सिल्वेस्टर दाकुन्हा (Sylvester daCunha) अब हमारे बीच नहीं रहे। 80 साल की उम्र में एड गुरु सिल्वेस्टर दाकुन्हा का निधन हो गया। साल 1966 में एड गुरु सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने अपनी कल्पना से अमूल की ‘अटरली-बटरली’ गर्ल को जन्म दिया था। उन्होंने अमूल गर्ल कैंपेन बनाकर ब्रांड को अलग पहचान दिलाई थी। अब ये पिता अपनी अपनी बेटी अमूल गर्ल का साथ छोड़ दुनिया को अलविदा कह गए । पिता के जाने के गम में आज से चुलबुली अमूल गर्ल रो रही है।


कौन थे सिल्वेस्टर दाकुन्हा

दुनिया का सबसे सफल विज्ञापनों में से एक ‘अमूल गर्ल’ को क्रिएट करने वाले सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। अमूल की Utterly Butterly गर्ल को इन्होंने डिजाइन कर दुनियाभर में मशहूर कर दिया। उनके परिवार में उनकी पत्नी निशा और बेटे राहुल दाकुन्हा हैं। सिल्वेस्टर दाकुन्हा, दिवंगत गर्सन दाकुन्हा के भाई थे । सिल्वेस्टर दाकुन्हा ने कई एड डिजाइन किए, लेकिन उन्हें असली पहचान अमूल के जरिए मिली। उन्होंने एएसपी (Advertisment sale and promotions) के जरिए अमूल गर्ल एड का निर्माण किया। उनके आर्ट डायरेक्टर यूस्टेस फर्नांडीस ने अमूल गर्ल का जो फीचर क्रिएट किया, वो आज भी लोगों की जुंबा पर छाया हुआ हैं। अमूल ब्रांड को भारत का बड़ा ब्रांड बनाने में अमूल गर्ल (Amul Girl) का खास रोल रहा है और इस अमूल गर्ल के पीछे सिल्वेस्टर दाकुन्हा का योगदान रहा है।

बेटे को सौंप दिया कारोबार

दुनिया में जब भी किसी कार्टून का जिक्र होगा अमूल गर्ल का नाम सबसे ऊपर आएगा और साथ ही याद आएंगे सिल्वेस्टर दाकुन्हा । उनकी टैगलाइन ‘अटरली बटरली डिलीशियस’ खूब लोकप्रिय हुई। अमूल का ये कार्टून सिर्फ ब्रांड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अक्सर इसका इस्तेमाल सियासी तंज कसने के लिए, समसामयिक घटनाओं का जिक्र करने के लिए होता रहा। अमूल गर्ल अभियान शुरु होने के तीन साल बाद दोनों भाईयों ने गर्सन और सिल्वेस्टर ने अमूल गर्ल को लेकर 1969 में दाकुल्हा कम्युनिकेशंस की शुरुआत की। जिसके जरिए वो अमूल गर्ल के क्रिएटिव कार्टून तैयार करते थे। सिल्वेस्टर के बेटे राहुल ने आज तक इस कैंपेन को जारी रखा है। राहुल पिता का कारोबार तो संभालते ही है, साथ-साथ अपने पिता की विरासत को लेकर चल रहे हैं।

याद आएंगे सिल्वेस्टर

अमूल गर्ल को क्रिएट कर इतिहास रचने वाले सिल्वेस्टर दाकुन्हा हमेशा याद आएंगे। उन्हें सिर्फ अमूल गर्ल के लिए नहीं बल्कि समाज और सोशल क्मयुनिकेशन के लिए उनके अहम योगदान को लेकर याद किया जाएगा। उन्होंने ब्रांड पोजिशनिंग को क्रिएटिव तरीके से रखने का जो नजरिया लोगों को बताया वो हमेशा याद रहेगा।

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