50 नहीं, अब 5 रुपये जमा करने पर गंगा घाट, विश्वनाथ मंदिर में मिलेंगे चिप्स के पैकेट… बैकफुट पर नगर निगम
अभिषेक कुमार झा, वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी में घाट को प्लास्टिक फ्री बनाने के उद्देश्य से एक फरमान ने नगर निगम की खूब किरकिरी कराई।फैसले की व्यवहारिकता को लेकर सोशल मीडिया से लेकर चौराहों पर नगर निगम के इस फरमान की खूब फजीहत हुई। अब फजीहत के बाद नगर निगम ने अपना फैसला तो नही बदला लेकिन इस फरमान में थोड़ा संशोधन किया है। पचास रुपए धरोहर राशि रखवाने की सीमा घटा कर उसे पांच रुपए कर दिया है इसके बाद भी लोग इस नियम के व्यवहारिकता पर लोग सवाल उठा रहे है और पूछ रहे है की आखिर नगर निगम इस नियम को लागू कैसे करेगा और मोनिटार्निंग कैसे करेगा ।
नहीं बदला फरमान, घटा दी धरोहर राशि
फरमान पर फजीहत के बाद नगर आयुक्त शिपु गिरी ने सोमवार की देर शाम 30 जून के अपने आदेश में एक संशोधन किया । शीपू गिरी ने फैसले को तो नहीं बदला लेकिन ₹50 धरोहर राशि रखने की जगह उसे घटाकर ₹5 कर दिया । बाकी सारे नियम पहले की तरह ही है । जिसमे प्लास्टिक फ्री करने के लिए घाट किनारे के दुकानदराओ को ही खाली प्लास्टिक के बोतल डस्टबिन में डालने के बाद ग्राहक को धरोहर राशि वापस करेंगे ।
निगम क्यों नही रखवाता जगह-जगह डस्टबिन
घाट किनारे के छोटे दुकानदार इस अजीबोगरीब फरमान के बाद से बेहद आशंकित हैं। तुलसी घाट पर मैगी और चिप्स बेचने वाले टिंकू ने कहा की ग्राहक खाने पीने का सामान लेते हैं और टहलते हुए दूसरे घाट पर चले जाते हैं ऐसे में हम अगर किसी से ₹5 एक्स्ट्रा मांगेंगे तो वह हमसे झगड़ा करेगा इससे बेहतर होता की घाट पर जगह-जगह नगर निगम डस्टबिन रखवा देता और उसे रूटीन से सफाई करवाता छोटे दुकानदारों पर इस तरह का नियम लादना कतई व्यवहारिक नहीं है इसके अलावा निगम के कर्मचारी चाहे तो घाट पर प्लास्टिक का कचरा फेकने वालो से जुर्माना वसूल सकती है। ऐसे नियम से लोग घाट पर कुछ खरीदने से परहेज करेंगे।