जोन 13 में अतिक्रमण शाखा की पक्षपाती करवाई
अमराई तिराहे का ही क्यों तोड़ा गरीब का आशियां
समूचे वार्ड 55 एवं 54 का क्यों नहीं हटाया जा रहा अतिक्रमण कहीं कोई अतिक्रमण अधिकारी का आर्थिक स्वार्थ तो नहीं
भोपाल. राजधानी के बागसेवनिया जोन क्रमांक 13 में नगर निगम अतिक्रमण विभाग ने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जो की अधिकारी के पक्षपात को साबित करता है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड 55 के अमराई तिराहे पर कुछ पक्की दुकानें संचालित है दुकानों के संचालक द्वारा अक्सर नगर निगम अतिक्रमण में शिकायत करवाई जाती है और उनकी दुकानों के सामने अपनी रोजी-रोटी चल रहे साइकिल पंचर वाले तिरपाल लगाकर ठेला खड़े कर परिवार का पालन पोषण करने वाले को अक्सर निशाना बनाकर उनकी दुकानों को तोड़ दिया जाता है कारण सिर्फ इतना इन दुकानों पर एक रेस्टोरेंट भी संचालित है जिसके सामने शासकीय भूमि पर उनके कुर्सी टेबल एवं ग्राहकों को बैठने की व्यवस्था की जाती है इसी के चलते इन ठेले वालों की शिकायत कर तुड़वा दिया जाता है।
जबकि जहां यह दुकान संचालित हैं उक्त प्लाट रेहवासी क्षेत्र का है और यहां मकान हाउसिंग बोर्ड के द्वारा बनाकर आमंटित किया गया था जिसे मकान मालिक ने तुड़वाकर दुकानों का निर्माण करवा दिया गया और वह सारी की सारी दुकाने किराए पर चलाई जा रही हैं जिसमें एक होटल भी संचालित है जिसकी वजह से अक्सर इन छोटे ठेले वाले दुकानदारों को उनकी रोटी रोजी छीनने की कोशिश दुकानों के संचालक द्वारा की जाती है दो दिन पूर्व में नगर निगम के द्वारा कार्रवाई की गई जिसमें एक कच्ची पंचर की दुकान एवं ट्रिपाल लगाकर नीचे ठेला खड़ा कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले इस व्यक्ति का आशियां तो थोड़ा ही साथ में कई वर्षों से तिराहे पर दुर्गा प्रतिमा बैठने वाले चबूतरे को भी तोड़ दिया गया ठीक उसी से लगा हुआ एक दूध डेरी का बूत भी है जिसकी आड़ में और भी कई व्यवसाय किए जाते हैं उसे क्यों नहीं तोड़ा गया इससे स्पष्ट साबित हो जाता है कि अतिक्रमण अधिकारी का कोई निजी स्वास्थ्य रहा होगा तभी यह कार्रवाई की गई है।
अगर ऐसा नहीं है तो वार्ड 53 एवं 54 में राजनीतिक और नगर निगम के कर्मचारियों के संरक्षण में कई अतिक्रमण कराए गए हैं जैसे एनआरआई स्कूल से कटरा हिल्स रोड पर थाना बागसेवनिया से कटारा हिल्स रोड पर अच्छा खासा अतिक्रमण करवाया जा चुका है क्या इस क्षेत्र के अतिक्रमण अधिकारी को दिखाई नहीं देता क्या कारण है जो बरसों से इन रोडो पर कराया गया अतिक्रमण तोड़ा नहीं जाता इस मामले में अतिक्रमण अधिकारी ने काला मोटा चश्मा क्यों लगाया हुआ है कहीं ऐसा तो नहीं की इन दुकानों से अतिक्रमण अधिकारी की अवैध वसूली की जा रही हो हो सकता है इसमें अतिक्रमण विभाग का कोई आर्थिक फायदा के चलते इन्हें थोड़ा ना जा रहा हो
एक तरफ तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बड़ी- बड़ी घोषणाएं करते हैं जो जहां रह रहा है उसे हटाया नहीं जाएगा किसी गरीब को सताया नहीं जाएगा वही उनके इन घोषणाओं के उलट नगर निगम के अधिकारी कार्यवाही कर रहे हैं गरीबों के आशियाने तोड़कर उन्हें रोजी-रोटी कमाने से रोक रहे हैं।
अगर नगर निगम के अतिक्रमण अधिकारी अतिक्रमण हटाने की मुहिम चल रहे हैं तो हम भी उनका समर्थन करेंगे लेकिन जो बड़े-बड़े बागसेवनिया क्षेत्र मैं शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे किए गए हैं बगैर अनुमति के जिन मकानों का निर्माण किया गया है पट्टे वाले प्लेटो पर चार-चार मंजिलों की छत डाल दी गई है अतिक्रमण अधिकारी उन्हें क्यों नहीं तोड़ते आखिर इस मामले में अतिक्रमण कमिश्नर एवं अधिकारी कर्मचारियों की हवा क्यों निकल जाती है।