वन विभाग के चिकलोद रेंज में बड़े पैमाने पर जंगल माफिया सक्रिय
वनकर्मीयों को तो पता ही नहीं थाना सतलापुर के पुलिसकर्मी पकड़ रहें अवैध लकड़ी से भरें वाहन
भोपाल. एक तरफ तो मध्य प्रदेश की सरकार वन एवं वन प्राणीयों की शुभचिंतक अपने आप को समझती हैं तो वहीं दूसरी तरफ जंगल की कटाई और वन प्राणीयों के शिकार होते देख भी रही हैं और अगर ऐसा नहीं हैं तो फिर वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के गैर जिम्मेदाराना हरकत पर कठोर से कठोर कार्रवाई क्यों नहीं करती, क्योंकि वन कर्मचारी अपना कर्तव्य समझते हुए ईमानदारी से ड्यूटी निभाई तो जंगल माफिया शिकार करना तो दूर किसी एक पेड़ को भी नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
ताजा मामला रायसेन जिले के मंडीदीप का हैं जहां लगातार सूत्रों से जानकारी प्राप्त हो रही हैं मंडीदीप क्षेत्र में स्थित आरा मशीनों पर लकड़ी माफिया के द्वारा लगातार सागवौन की लकड़ी काटकर बड़े पैमाने पर बेची जा रही है किस आरा मशीन पर सागवौन डंप किया जा रहा एवं बैचा जा रहा हैं इस की संपूर्ण जानकारी समान्य वन मंडल अधिकारी अब्दुल्लागंज के अधीनस्थ चिकलोद रेंज के तमाम उन वन कर्मचारियों को हैं जहां से निरंतर सागवौन कट कर मंडीदीप की कुछ विशेष आरा मशीनों तक पहुंचा जा रहा है, हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि चिकलोद रेंज के रेंजर और वनकर्मीयों को सागवौन के पेड़ कटने की जानकारी ना हो , लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है .? लकड़ी माफिया को जंगल से सागवौन के पेड़ों को काटना उतना ही मुश्किल काम है जितना कि शेर के मुंह में हाथ डाल कर गोस्त निकाल लेना होता है।
सूत्रों का यह भी कहना है चिकलोद रेंज के सभी वनकर्मियों को इस बात की जानकारी है, लेकिन वह ईमानदारी से अपना कर्तव्य नहीं निभा रहे हैं सारे के सारे भ्रष्टाचार की रबड़ी और मलाई का स्वाद लेने में लगे हुए ऐसा यहां इसलिए लिखा जा रहा है कि कुछ माह पहले इसी चिपलोद रेंज के वन कर्मियों ने मंडीदीप की एक आरा मशीन पर जब छापे मारी की कार्रवाई की थी तब उक्त आरा मशीन पर भारी मात्रा में सागवौन की अवैध लकड़ीयो की सिल्लीयां जप्त की गई थी इतना प्रमाण के लिए काफी होगा की वह कौन सा आरा मशीन संचालक है जो सागवौन की अवैध लड़कियों की खरीद करता है।
दूसरी तरफ हम बात करें थाना औद्योगिक क्षेत्र सतलापुर की यहां के कई पुलिस अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों ने चेकिंग के दौरान ऐसे बहुत सारे वाहन जप्त किए थे जिन में अवैध रूप काटी गई लकड़ियां भरी हुई थी जिन्हें थाना सतलापुर के पुलिसकर्मियों द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों को सूचना देकर उन वाहनों को उन्हें सौंप दिया गया है इसे प्रमाणित होता है चिकलोद रेंज का समूचा वन कर्मचारी कितना गैर जिम्मेदार है, अगर इस रेंज का समूचा वन कर्मचारी अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाते तो पुलिस कर्मियों की जगह वनकर्मी इन अवैध लकड़ी से भरे वाहनों को स्वयं जप्त कर रहे होते।
वन मंडल अधिकारी अब्दुल्लागंज को चाहिए कि वह अपने अधीनस्थ सभी वन कर्मचारियों को आदेशित करें कि वह अपने-अपने रेंज में लकड़ी माफिया पर कड़ी नजर रखें जहां-जहां वन विभाग की चौकियां बनाई गई है उन चौकिया पर गंभीरता से वाहनों की चेकिंग करें एवं समय समय पर अपने-अपने रेंज के अंदर आने वाली जितनी भी आरा मशीनें है समय-समय पर वहां जाकर स्टॉक रजिस्टर के साथ-साथ टीपी चेक कर बिलों का मिलन करे खरीदा गया माल बेचा हुआ माल सभी की बारीकी से जांच करवाऐ जिससे अवैध तरीके से खरीदी गई लकड़ी का खुलासा हो सके।
इन का कहना :-
मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है मैं तत्काल चिकलोद रेंज के रेंजर एसडीओ आदेशित करके अपने नेतृत्व में पूरी जांच पड़ताल करवाता हूं दोषियों को विभागीय कार्यवाही करके दंडित किया जाएगा।
हेमंत रैकवार
वन मंडल अधिकारी अब्दुल्लागंज सामान्य जिला रायसेन