सुलभ कांप्लेक्स के आसपास ही ही आखिर क्यों बिकता है मादक पदार्थ गांजा…
कमिश्नर प्रणाली से पुलिस पावरफुल और अपराधी बेधड़क
थाना बागसेवनिया क्षेत्र में ही क्यों बिकता है बड़े पैमाने पर गांजा वही बाग मुगालिया झुग्गी बस्ती में खुलेआम खिलाया जा रहा सट्टा।
भोपाल- राजधानी में कमिश्नर प्रणाली होने के बाद पुलिस महकमा काफी पावरफुल तो हो गया हैं मगर राजधानी में अपराधो की कमी होना या अपराधियो में कानून का डर के साथ पुलिस का डर भी कुछ खास असर नहीं कर पा रहा हैं। आए दिन राजधानी भोपाल में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चोरी के मामले, वाहन चोरी, लूट, छेड़छाड़ एवं बलात्कार जैसी घटनाएं कमिश्नर प्रणाली के पहले भी हो रही थी और कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद भी लगातार घट रही है। असामाजिक तत्वों में कानून का किसी भी प्रकार का कोई डर या भय नजर नहीं आ रहा है आए दिन अपराध निरंतर हो रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी थाना बागसेवनिया क्षेत्र में मादक पदार्थ गांजा बेचे जाने की खबर आ रही है जोकि बागसेवनिया मैं सुलभ कांप्लेक्सो के आस-पास मादक पदार्थ का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति नशे में घूमते हुए नजर आ रहे हैं जानकारी यह भी मिली है इस नशे के सौदागर इसी बाग सेवनिया क्षेत्र के निवासी हैं जोकि कई वर्षों से लगातार इस अपराध को करते आए हैं और आज भी धड़ल्ले से इस नशे के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। इसी क्षेत्र में मुख्य सड़क पर डेरा जमाए बैठे लोग मादक पदार्थ गांजे को दिनदहाड़े बेचने का कारोबार कर रहे हैं इस की जानकारी क्षेत्रीय थाने को ना हो यह असंभव सा लगता है। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तो सरकारी जमीनों पर कब्जा कर छोटे-छोटे मंदिर बना कर साधु बाबा बनने का भी डोंग रचाए हुए हैं । कुछ व्यक्ति शरीर में भभूत लगाकर माथे पर लंबा टीका लगाकर साधु रूपी दिखने वाले लोग मादक पदार्थ गांजे का खुलकर सेवन करते हैं इतना ही नहीं वे लोग उसे बेचना और लोगों को बिठाकर नशा कराने का कारोबार भी कर रहे हैं आखिर यह मादक पदार्थ कहां से किसके द्वारा यहां मुहैया कराया जाए रहा है यह काम भी सुलभ कांप्लेक्स के आसपास ही किया जा रहा है जो कि एक जांच का विषय हैं इसकी भी जानकारी क्षेत्रीय थाने को है या नहीं यह भी एक बहुत बड़ा सवाल है..? वहीं दूसरी तरफ बाग मुगलिया झुग्गी बस्ती में पिछले कई वर्षों से एक व्यक्ति बड़े पैमाने पर सट्टा खिलाना और उसकी खाई बाजी करने का भी काम निरंतर कर रहा है जिसकी थाना क्षेत्र की पुलिस को जानकारी होने के बाद भी खुलेआम इस अपराध को किया जा रहा है नाम ना छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया है कि कई पुलिस कर्मी उस व्यक्ति से अक्सर मिलने आते हैं यहां भी एक प्रश्न चिन्ह लगता हैं..? हो सकता है शायद उस व्यक्ति से पारिवारिक संबंध हो या कुछ और अगर ऐसा भी है तो किसी एक को देखा जा सकता है ,लेकिन भिन्न-भिन्न तरह के पुलिस कर्मियों का देखा जाना भी एक सवाल को जन्म देता है। हो सकता है इसकी जानकारी क्षेत्र की पुलिस को ना हो हो सकता है यह सारी जानकारी पुलिस के पास हो इसके बावजूद भी कई वर्षों से चल रहे इन अपराधों पर रोक क्यों नहीं लगाया जा रहा है इस विषय पर नवागत कमिश्नर भोपाल को संज्ञान में लेकर इन अपराधों पर रोक लगवाना चाहिए। ज्ञात्वय हो पिपलानी, शिव नगर, पूर्व में हबीबगंज रेलवे स्टेशन से आई हुई झुग्गी बस्ती जिनको बागसेवनिया बाग मुगालिया क्षेत्र में विस्थापित किया गया है उन बस्तियों मैं कई असामाजिक तत्व हिस्ट्रीशीटर बदमाश भी थे आखिर वह कहां है स्वाभाविक है जेल में होंगे या कुछ इसी क्षेत्र में आज भी ऐसे संगीन अपराधों को अंजाम दे रहे होंगे जिसकी क्षेत्रीय पुलिस को पड़ताल करनी चाहिए कहीं ना कहीं वह अपराधी आज भी इसी क्षेत्र में सक्रिय हो सकते हैं क्या इसकी भी जानकारी पुलिस प्रशासन के पास है या नहीं, हो सकता है क्षेत्र में विभिन्न तरह के संगीन अपराधों को अजांम दिया जा रहा हो । कही ऐसा तो नहीं के बागसेवनिया थाना क्षेत्र अपराध और अपराधियों से मुक्त हो गया हो या सारे अपराधी अपराध को छोड़कर राजा हरिश्चंद्र बन गए हो। अगर ऐसा है तो बागसेवनिया पुलिस बधाई के पात्र हैं। क्षेत्र के थानों पर पुलिस चौकीयो पर ज्यादा तादाद में पुलिस कर्मियों की क्या आवश्यकता है पूरी तरह शांति वाले क्षेत्र में 2-5 पुलिस कर्मियों से काम चल सकता है बाकी के पुलिसकर्मियों को पूरी तरह से अपराधियो के कब्जे वाले क्षेत्रों में भेज देना चाहिए ताकि वे इस क्षेत्र की तरह शांति वाला क्षेत्र बनाने में अपना योगदान दे सकें।