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क्या आबकारी विभाग का संरक्षण रहता है शराब कारोबारीयों को

भोपाल. जब से इलेक्टोरल बांड का फंडा सामने आया है तभी से यह बात निकल कर आ रही है जिस जिस ने इसमें पार्टिसिपेट किया है वे सभी शासन प्रशासन को अब अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं नियम और कानून को एक तरफ रख मैं चाहे यह करूं मैं चाहे वह करूं मेरी मर्जी की तर्ज पर अपने व्यवसाय को चला रहे हैं जिसमें ना तो आम जनता के हितों को देखा जा रहा है और ना ही शासन को होने वाली राजस्व हानि को. यह बयान जारी करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस मध्य प्रदेश के अल्पसंख्यक विभाग  के महामंत्री आरएस सिंह खालसा ने आरोप लगाया है कि राजधानी भोपाल में शराब माफिया इसी तर्ज पर निरंकुश होकर काम कर रहा है और मजाल है आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उन पर कोई अंकुश लगा सके और यदि ऐसा नहीं है तो क्या यह माना जाए की आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जिसमें जिला आबकारी अधिकारी रायचुरा भी शामिल है इनका विशेष  कार्रण से संरक्षण देते हुए इनको स्वच्छंदता के साथ व्यवसाय करने की अनुमति दे रहे हैं.

खालसा का कहना है कि कुछ महीने पूर्व इसी भोपाल में शराब माफिया ने पुलिस कर्मचारियों की ऑन ड्यूटी सार्वजनिक रूप से पिटाई की थी. इसी भोपाल में आबकारी माफिया महीनो तक बगैर लाइसेंस के शराब की दुकान संचालित कर रहे हैं जिसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि वर्तमान में आरआएल तेराहेपर संचालित होने वाली आबकारी की दुकान पहले दुर्गा नगर हबीबगंज नाका होशंगाबाद रोड पर संचालित हो रही थी लेकिन रोड बनने के कारण ठेकेदार बिना अनुमति के उसको आरएल तेराहे पर संचालित करने लगा है भारी अवस्थाओं के कारण और शिकायतों के आधार पर अब जिला प्रशासन को अवैध रूप से संचालित उक्त दुकान को हटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. इस प्रकरण में सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि इस दुकान का लाइसेंस 22 मार्च को सस्पेंड हुआ था सस्पेंशन की स्थिति में आखिर  दुकान संचालित कैसे की गई . सूत्रों ने जानकारी दी है कि वर्तमान जिला आबकारी अधिकारी पूर्व में वर्तमान वाणिज्य कर मंत्री के ओएसडी हुआ करते थे उसी का प्रभाव बनाकर आज वह  राजधानी मैं जिला आबकारी अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद पर जमे हुए हैं और उन्होंने आबकारी माफिया को खुली छूट देकर रखी है आपको जहां दुकान खोलना है खोलिए जिस भाव पर शराब और बीयर बेचना है वेचिए कोई रोक-टोक नहीं है. इन्हीं सब अवैध गतिविधियों के कारण जहां शासन को राजस्व की हानि उठाना पड़ रही है वही शासन को सर्वाधिक राजस्व देने वाले ग्राहक लूट का शिकार हैं. मध्य प्रदेश शासन को अपना सुशासन देने के संकल्प को दृढ़ता से पालन करवाने के लिए तत्काल कोई ना कोई कठोर कदम उठाते हुए आबकारी विभाग के अमले में आमूल चूल परिवर्तन राजधानी भोपाल में करना चाहिए और यदि ऐसा नहीं किया गया तो समाज हित में राष्ट्रीय हित में आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा

इन का कहना हैं…

शराब कारोबारी को किसी का भी डर नहीं है वह राजधानी में जो चाहे करेंगे कभी आम लोगों के साथ बदतमीजी और मारपीट तो कभी पुलिसकर्मियों के ऊपर डंडों की बारिश 70% शराब की दुकाने टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर संचालित की जा रही है एमआरपी रेट से कई अधिक दरों से बेची जा रही है सरकार के द्वारा आहतों पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद छोटे-छोटे दुकानों पर खुलेआम शराब पिलाने का कारोबार फल फूल रहा है शराब माफिया के हौसले बुलंद है लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के चलते आए दिन पुलिस विभाग ने चेकिंग के दौरान अवैध शराब की जब्ती की है आबकारी विभाग की नाकामी को प्रमाणित करता है इसका कारण सिर्फ इतना है आबकारी विभाग की लापरवाही। आबकारी अधिकारी रायचूरा ने मामले की गंभीरता नहीं समझी इन सभी चीजों पर गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई नहीं की तो हम इनके खिलाफ धरना प्रदर्शन तो करेंगे ही साथ ही साथ आबकारी अधिकारी रायचुरा का पुतला भी पुकेंगे।

सरदार आर. एस. सिंह खालसा
प्रदेश महामंत्री राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यक विभाग एवं गोविंदपुरा विधानसभा विधायक प्रत्याशी

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