Business

PF का पैसा नहीं कर रही कंपनी तो आपके पास क्या अधिकार हैं? यहां जानिए सबकुछ

नई दिल्ली: देश की सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप कंपनियों में से एक बायजू (Byju’s) आजकल मुश्किलों में घिरी है। कंपनी के ऑडिटर ने इस्तीफा दे दिया है। साथ ही कंपनी के बोर्ड के तीन नॉन-प्रमोटर मेंबर भी इस्तीफा दे चुके हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक कॉरपोरेट मंत्रालय कंपनी की जांच कर रहा है। कंपनी के करीब आधे कर्मचारी दूसरी जगह नौकरी खोजने में लगे हैं। इस बीच कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने पिछले कई महीनों से कर्मचारियों का पीएफ (PF) का पैसा जमा नहीं कराया है। कंपनी हर महीने कर्मचारियों के वेतन से पीएफ का हिस्सा काट रही है लेकिन इसे जमा नहीं कर रही है। हालांकि कंपनी का दावा है कि उसने पीएफ का सारा बकाया क्लीयर कर दिया है। अगर आपका एम्प्लॉयर आपके पीएफ का पैसा जमा नहीं कर रहा है तो आपके पास क्या अधिकार हैं? यहां हम आपको डिटेल से इस बारे में बता रहे हैं…

प्राइवेट जॉब करने वाले कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ (PF) का पैसा उनकी सैलरी से काटा जाता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट खोले जाते हैं। इस अकाउंट में एम्प्लॉयर यानी कंपनी और कर्मचारी दोनों को कंट्रीब्यूशन देना होता है। अगर कोई एम्प्लायर इस अकाउंट में कंट्रीब्यूशन नहीं देता है या फिर देरी करता है तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है। ईपीएफओ के नियमों के एम्प्लॉयर और कर्मचारी की ओर से पीएफ खाते में हर महीने बेसिक सैलरी और डीए का 12-12 परसेंट पैसा जमा होता है। एम्प्लॉयर के 12 परसेंट कंट्रीब्यूशन में से 8.33 परसेंट एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम (EPS) में जमा होता है और बाकी का 3.67 परसेंट पीएफ खाते में जाता है।

आपराधिक मामला

जानकारों के मुताबिक अगर किसी एम्प्लॉयर की पीएफ पेमेंट में डिफॉल्ट की अवधि दो महीने से कम है तो सालाना पांच परसेंट की दर से एरियर देना होगा। इसी तरह अगर डिफॉल्ट की अवधि दो महीने से ज्यादा और चार महीने से कम है तो उस पर सालाना 10 प्रतिशत का जुर्माना लगेगा। चार से छह महीने की देरी पर एम्प्लॉयर को 15 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर का जुर्माने का भुगतान करना होगा। छह महीने से अधिक समय के लिए यह जुर्माना 25 परसेंट है। अगर कोई कंपनी कर्मचारियों के पीएफ का पैसा जमा नहीं कराती है तो यह एक आपराधिक कृत्य है। इस स्थिति में लेबर मिनिस्ट्री कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला शुरू कर सकता है।

कहां करें शिकायत

ईपीएफओ हर महीने अपने ग्राहकों को पीएफ खाते में जमा किए जाने वाले पैसे की जानकारी एसएमएस अलर्ट के जरिये देता है। कोई कर्मचारी चाहे तो हर महीने ईपीएफओ पोर्टल पर लॉगिन करके भी अपने पीएफ खाते का बैलेंस जान सकता है। इससे पता लग जाएगा कि खाते में पैसे जमा हो रहे हैं या नहीं। कंपनी अगर कर्मचारी की सैलरी से पैसे काटती है और उसके पीएफ अकाउंट में जमा नहीं करती है तो कर्मचारी को पहले ईपीएफओ में शिकायत दर्ज करानी होगी। इसके बाद ईपीएफओ उस कंपनी की इंक्वायरी करेगा। अगर इंक्वायरी में यह बात साफ हो जाए कि कंपनी ने पैसा काटा, लेकिन पीएफ खाते में जमा नहीं कराए, तो ईपीएफओ कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button