रोज बिक रहीं 10,000 कार! छह महीने में 20 लाख के पार, पहली बार ऐसा चमत्कार
नई दिल्ली: देश की इकॉनमी रॉकेट की रफ्तार से बढ़ ही है और इसके साथ ही गाड़ियों की बिक्री (Car Sales) में काफी तेजी देखने को मिल रही है। साल के पहले छह महीने में पैसेंजर कारों की बिक्री 20 लाख यूनिट के पार जाने को तैयार है। यह पहला मौका होगा जब साल के पहले छह महीने में पैसेंजर कारों की बिक्री 20 लाख यूनिट को पार कर जाएगी। ईटीआईजी के डेटा में यह बात सामने आई है। हर महीने तीन लाख से ज्यादा कारें बिक रही हैं। यानी रोजाना देश में 10,000 से ज्यादा कारें बिक रही हैं। भारत में आधा साल में ही जितनी कारें डिस्पैच हुई हैं, वह मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया जैसे देशों की सालभर की बिक्री के बराबर है। अगर साल की दूसरी तिमाही में भी यह ग्रोथ रेट बना रहता है तो भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार मार्केट बन जाएगा। अभी चीन पहले और अमेरिका दूसरे नंबर पर है।
देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि जून तक कार सेल्स 325,000 से 328,000 यूनिट पहुंचने की उम्मीद है। यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2.5 फीसदी अधिक है। पिछले साल पहले छह महीने में कंपनी ने 321,000 कारें बेची थीं। उन्होंने कहा कि जून तिमाही में इंडस्ट्री की कुल बिक्री 996,000 यूनिट रहने का अनुमान है। फाइनेंशियल ईयर 2023 की चौथी तिमाही में यह आंकड़ा 1,017,000 यूनिट रहा था। दोनों तिमाहियों को मिला दिया जाए तो यह आंकड़ा 20 लाख यूनिट के पार चला जाएगा। पहली बार साल के पहले छह महीने में कारों की बिक्री इस स्तर पर पहुंचेगी।
2030 तक कहां होगा मार्केट
देश का पैसेंजर कार मार्केट 2023 की पहली छमाही में पिछले साल के मुकाबले 10 परसेंट बढ़ने की उम्मीद है। यह लगातार तीसरी छमाही होगी जब कारों की बिक्री में डबल डिजिट ग्रोथ होगी। पिछले कैलेंडर ईयर की पहली छमाही में इसमें 16 परसेंट और दूसरी छमाही में 30 परसेंट तेजी आई थी। ऑटो कंपनियों का अनुमान है कि 2030 तक देश में पैसेंजर कारों की बिक्री 60 से 70 लाख पहुंचने का अनुमान है। भारतीय कार मार्केट की बिक्री 12 साल में दोगुनी हुई है। इस साल हर महीने कारों की बिक्री तीन लाख यूनिट से ज्यादा रहने का अनुमान है। अगर साल की दूसरी छमाही में भी यह ग्रोथ रहती है तो भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार मार्केट बन जाएगा। देश में अभी प्रति 1,000 लोगों पर 35 कारें हैं। यह एमर्जिंग मार्केट्स के एवरेज से आधे से भी कम है।