किडनी कांड में बड़ा खुलासा, बेटा बनकर लुधियाना निवासी को करवाया ट्रांसप्लांट, पुलिस को मिले संदिग्ध l
इंडस इंटरनेशनल अस्पताल में 34 ट्रांसप्लांट के दस्तावेजों की जांच में चार और संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनके दस्तावेज आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। जल्द ही इन मामलों का खुलासा कर दिया जाएगा।
इंडस इंटरनेशनल अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट का परत-दर-परत खुलासा हो रहा है। पुलिस जांच में एक और ट्रांसप्लांट का मामला सामने आया है। इसमें भी बेटा बनकर लुधियाना के रहने वाले जरूरतमंद मरीज को किडनी दी गई है। वहीं चार मामले संदिग्ध हैं, जिनके दस्तावेज आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। पुलिस दस्तावेजों के आधार पर संबंधित व्यक्तियों का पता खंगाल रही है। वहीं, बीते दिन सामने आए मामले में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बनूड़ के पते के अस्पताल में दिए गए सभी दस्तावेज फर्जी निकले हैं। इन पर हस्ताक्षर और मुहर भी नकली है।
दस्तावेजों की जांच के बाद खुलासा करेगी पुलिस
इससे पहले अस्पताल में फर्जी दस्तावेज के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट के दो मामलों का खुलासा हो चुका है। इन दोनों मामलों में भी नकली बेटा बनकर जरूरतमंद को किडनी दी गई। इस मामले में अब तक पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है।
तीन साल के लिए मिला था लाइसेंस
अस्पताल को तीन साल के लिए किडनी बदलने (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) का लाइसेंस मिला था। यह लाइसेंस जून में समाप्त होने जा रहा है। तीन साल में अस्पताल की ओर से 34 लोगों की किडनी बदली जा चुकी है। अस्पताल की ओर से प्रति मरीज साढ़े चार से पांच लाख रुपये फीस ली जाती है।
जांच अधिकारी के अनुसार
थानाध्यक्ष जसकंवल सिंह सेखों ने बताया कि अस्पताल में 34 ट्रांसप्लांट के दस्तावेजों की जांच में चार और संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनके दस्तावेज आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। जल्द ही इन मामलों का खुलासा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में शामिल अस्पताल के को-ऑर्डिनेटर अभिषेक के बैंक खाते का विवरण प्राप्त करने के लिए बैंक को पत्र लिखा गया है।
उन्होंने कहा कि बैंक खाते की जानकारी मिलने के बाद पता चलेगा कि अभिषेक के खाते में पैसा कहां से आ रहे थे। उनका कहना था कि अभिषेक ने छह महीने पहले ही लाखों रुपये का नया फ्लैट व नई कार खरीदी है। इसके लिए राशि उसके पास कहां से आई, इस बात की जांच की जा रही है।