पंजाब

पंजाब में गेहूं की कटाई आखिरी चरण में

बठिंडा: पंजाब में गेहूं की कटाई आखिरी चरण में आने के साथ साथ प्रदेश में फसल अवशेषों को जलाने के 19 मामलों की सूचना मिली है , इससे कुल मामले 80 तक चले गए है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में रिपोर्ट किए गए मामलों के सिर्फ 12.7% है।

फसल अवशेषों को जलाने की प्रथा अवैध, प्रदूषण पैदा करने वाली, लेकिन किफायती प्रथा है, जहां किसान फसल के उन हिस्सों को जलाते है, जो कटाई के बाद पीछे रह जाते है। ऐसा माना जाता है कि मार्च और अप्रैल में बेमौसम बारिश से कटाई में देरी होने के कारण यह संख्या कम हो सकती है। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के अनुसार, चालू सीजन में 24 अप्रैल तक पराली जलाने के 19 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2021 में 56 और 2022 में 24 अप्रैल तक 360 मामले दर्ज किए गए थे।

सोमवार को 19 मामलों में से बठिंडा और संगरूर से चार-चार, बरनाला से तीन, मनसा, मुक्तसर और लुधियाना से दो-दो और मालेरकोटला और फिरोजपुर जिले से एक-एक मामले दर्ज किए गए।

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