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मंदिर का निर्माण पूरा होने पर दी गई बलि, खोपड़ी के 3000 साल पुराने अवशेष, पेरू में फिर मिली एक ममी

लीमा : पेरू के पुरातत्वविदों ने बुधवार को एक ममी की खोज की। यह खोज असामान्य इसलिए है क्योंकि शोधकर्ताओं के अनुसार लीमा में पाई गई यह ममी करीब 3,000 साल पुरानी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार, यह एंडियन देशों में सबसे हालिया पुरातात्विक खोज है जो प्री-हिस्पैनिक काल से संबंधित है। खबरों के अनुसार, खुदाई करते समय सैन मार्कोस यूनिवर्सिटी के छात्रों और शोधकर्ताओं को पहले ममी के बालों और खोपड़ी के अवशेष मिले। बाद में उन्होंने पूरी ममी की खोज की।

रिपोर्ट के अनुसार, पुरातत्वविद मिगुएल एगुइलर ने कहा, ‘ममी संभवतः मंचे संस्कृति (Manchay Culture) से संबंधित थी जो 1500 से 1000 ईसा पूर्व के बीच लीमा की घाटियों में विकसित हुई थी। यह सभ्यता यू-आकार में बने मंदिरों के निर्माण से जुड़ी थी जो सूर्योदय की ओर इशारा करते थे। एगुइलर ने कहा, ‘इस मंदिर के निर्माण के अंतिम चरण में इस शख्स को बलि के रूप में चढ़ाया गया था। यह लगभग 3000 साल पुराना है।’

ममी के साथ क्या-क्या मिली?

पुरातत्वविदों को ममी के साथ अन्य चीजें भी दबी हुई मिलीं। जैसे- मक्का, कोका के पत्ते और बीज, जिनके बारे में उनका मानना है कि ये बलि का हिस्सा हो सकता है। पेरू में इस तरह की ममी मिलना बेहद आम है जो कपड़े में लिपटी होती हैं और बर्तनों और अन्य चीजों के साथ दफन होती हैं। कुछ महीनों पहले लीमा के बाहरी इलाके में पुरातत्वविदों को एक ममी मिली थी जो करीब 1000 साल से अधिक पुरानी थी।

कफन में लिपटी ममी की खोज

माना जा रहा था कि यह ममी इंका सभ्यता से भी पहले की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ममी एक किशोर थी जो कफन जैसे किसी कपड़े में लिपटी हुई थी। इसके साथ चीनी मिट्टी के बर्तन, रस्सी और बालों के कुछ टुकड़े भी पाए गए थे। पुरातत्वविदों ने इसे ‘बेहद अच्छी तरह संरक्षित’ बताया था। अनुमान लगाया गया कि यह ममी 1100 से 1200 साल पहले जीवित थी और इसका संबंध इचमा संस्कृतियों से था।

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