ग्रुप हाउसिंग में बकाएदार बिल्डरों पर अथॉरिटी सख्त, बिना बिके फ्लैट, निर्माणाधीन टावर और खाली जगह की बनेगी रिपोर्ट
नोएडा: ग्रुप हाउसिंग के बकाएदार बिल्डरों की प्रॉजेक्ट में बची हुई प्रॉपर्टी नोएडा अथॉरिटी तलाशेगी। हर एक प्रॉजेक्ट में गैर बिके फ्लैट, निर्माणाधीन टावर और खाली जगह की रिपोर्ट बनेगी। यह काम नोएडा अथॉरिटी कंसल्टेंट एजेंसी से करवाएगी। एजेंसी चयन की कवायद शुरू हो गई है। बात अगर नोएडा अथॉरिटी के बकाएदार बिल्डरों की करें तो 65 बिल्डरों को अथॉरिटी में करीब 10 हजार करोड़ रुपये जमा करने हैं। इनमें आम्रपाली, यूनिटेक और वो बिल्डर शामिल नहीं है, जिनका अथॉरिटी को लेकर कोई केस कोर्ट में नहीं है। ब्याजदर पर नवंबर-2022 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पक्ष में आया था। इसके बाद भी कुछ बिल्डर फिर से सुप्रीम कोर्ट गए थे। लेकिन कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।
अथॉरिटी अधिकारियों का कहना है कि बिल्डरों को बकाया जमा करने के लिए कई मौके दिए गए। 1 जनवरी 2023 को रीशेड्यूलमेंट पॉलिसी भी लाई गई। इसमें बिल्डरों को बकाया जमा करने के लिए जुर्माना राशि पर तीन प्रतिशत की छूट दी गई। फिर भी बकाया जमा करने को बहुत से बिल्डर आगे नहीं आ रहे हैं। अभी अथॉरिटी अपने रेकॉर्ड से तलाश कर बकाएदार बिल्डरों के प्रॉजेक्ट में गैर बिके फ्लैट सील कर रही है। लेकिन पूरी जानकारी नहीं रहती है। अब अथॉरिटी ने पूरी डिटेल सहित हर प्रॉजेक्ट की रिपोर्ट बनवाने का निर्णय लिया है। इसके बाद बकाएदार बिल्डरों के गैर बिके फ्लैट सील होंगे। निर्माणाधीन टावर सील होंगे। जमीन अगर खाली बची है तो उसे वापस अथॉरिटी अपने कब्जे में लेगी। अथॉरिटी के एसीईओ प्रभाष कुमार ने बताया कि कंसलटेंट एजेंसी भूलेख, प्लानिंग और ग्रुप हाउसिंग और संबंधित सोसायटी की एओए से खाली संपत्ति को लेकर डाटा एकत्रित करेगी। फिर रिपोर्ट तैयार कर सौंपेगी। हर एक बकाएदार बिल्डर की सोसायटी की ड्रोन फोटोग्राफी भी करवाई जाएगी। रिपोर्ट आने के साथ ही तेजी से अथॉरिटी कार्रवाई करेगी।