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पतंजलि के लिए टागरेट सेट, बाबा रामदेव ने कहा अगले 5 सालों में करेंगे 1 लाख करोड़ का कारोबार

नई दिल्ली: बाबा रामदेव ने अनाज, दूध की तरह खाद्य तेलों में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने का अपना विजन रखते हुए कहा है कि 20 लाख एकड़ जमीन पर पाम प्लांटेशन का काम करना है। उन्होंने कहा कि देश में डेढ से दो लाख करोड़ रुपये करंसी की हानि होती है क्योंकि मलेशिया, इंडोनेशिया, अफ्रीकन देशों, अमेरिकन देशों, यूक्रेन, रूस से खाने योग्य तेलों का आयात करना पड़ता है और हमारा संकल्प है कि बाहर से खाद्य तेलों पर निर्भरता खत्म हो जाए। भारत में अब अनाज, दूध का भरपूर उत्पादन होता है और दूसरे देशों पर निर्भर नही है। इसी तरह से दालों में भी दूसरों पर निर्भरता कम की है। अब खाद्य तेलों के लिए भी यह मिशन पूरा करना है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में पतंजलि का टर्नओवर 1 लाख करोड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है, जो अभी पतंजलि ग्रुप का टर्नओवर करीब 45 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक है।

उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य हासिल करने में समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स (पूर्व में रुचि सोया) अहम भूमिका निभाएगी। पतंजलि समूह के कारोबार को अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है। वहीं लिस्टेड कंपनी पतंजलि फूड्स का कारोबार भी 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का इरादा है।

बाबा रामदेव ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पतंजलि अब खुद पाम ऑयल का उत्पादन करेगा। इसकी खेती के लिए 40 से 50 हजार किसान पतंजलि से जुड़ चुके हैं और आने वाले समय में किसानों की संख्या 5 लाख तक करनी है। ऐसे में पतंजलि में पाम ऑयल का उत्पादन शुरू होने से 5 लाख किसानों को सीधे रोजगार मिल सकेगा। असम, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित 12 राज्यों में किसान पतंजलि से जुड़कर पाम ऑयल की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते गुरुवार को वह आंध्र प्रदेश में पाम प्लांटेशन के लिए गए थे। प्रधानमंत्री ने भी देश में खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 12000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। 20 लाख एकड़ जमीन पर पाम प्लांटेशन का काम करना है। पाम प्लांटेशन से पर्यावरण को नुकसान होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण को बहुत फायदा होगा। अभी बंजर जमीन समेत उस जमीन पर प्लांटेशन हो रहा है, जो उपजाऊ नहीं है। इससे जंगल बढ़ेगा, पेड़ बढ़ेंगे, आक्सीनजन की मात्रा बढ़गी, बारिश ज्यादा होगी, जमीन उपजाऊ होगी और किसान की समृद्धि बढ़ेगी। पर्यावरण का नुकसान का सवाल ही नहीं है। खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों में पतंजलि की ओर से सालाना दस लाख टन का प्रोडक्शन हो सकेगा। यह पांच साल का प्रोजेक्ट है। एक दिन में पाम बोया जाता है, लगभग 35 से 40 साल तक चलता है।

पतंजलि फूड्स के नए प्रोडक्ट लॉन्च करने के मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि अभी पतंजलि ग्रुप का टर्नओवर करीब 45 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक है और दुनिया में क़रीब 200 करोड़ और भारत में 70 करोड़ लोगों तक हमारी पहुंच है। उन्होंने कहा कि हमने कई विदेशी कंपनियों को शीर्षासन कराकर भारतीय बाज़ार से विदा किया है। अब कंपनी का टारगेट है कि अगले 5 साल में 1 लाख करोड़ रुपये के टर्नओवर का आंकड़ा हासिल किया जाए। बाबा रामदेव ने कहा कि विदेशी कंपनियों की बात करें तो सिर्फ यूनीलीवर ही पतंजलि से आगे है और पूरी उम्मीद है कि पतंजलि जल्द ही यूनीलीवर को भी पीछे कर देगी। अभी फूड्स, एग्री और एफएमसीजी में सिर्फ यही कंपनी हमसे आगे है। पतंजलि फूड्स ने 14 नए प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं। पतंजलि फूड्स ने प्रीमियम प्रोडक्ट लॉन्च करने के अभियान में बिस्कुट, न्यूट्रेला के बाजरे से बने उत्पाद और प्रीमियम सूखे मेवों समेत कई उत्पाद लॉन्च किए हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि ने गाय के घी का 1500 करोड़ रुपये का ब्रांड बनाया है और जल्द ही पतंजलि की तरफ से बफेलो घी भी लॉन्च किया जाएगा। पतंजलि फूड्स लिमिटेड का नाम पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज था और पतंजलि के इसका अधिग्रहण करने के बाद रुचि सोया का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स किया है।

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