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जर्मनी की जनसंख्या से ज्यादा HDFC के पास ग्राहक, दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी, लोन से लेकर FD तक 1 जुलाई से बदल जाएगा सबकुछ

नई दिल्ली: 1 जुलाई से HDFC लिमिटेड-HDFC बैंक का मर्जर लागू हो जाएगा। जिस कंपनी ने 30 हजार के पहले लोन बांटकर शुरुआत की थी, 1 जुलाई से एचडीएफसी बैंक (HDFC BANK) में मिल जाएगा। इस मेगा मर्जर का असर HDFC बैंक के खाताधारकों के लेकर HDFC लिमिटेड से लोन लेने वालों, एफडी करवाने वालों पर तो पड़ेगा ही। इसके साथ-साथ इसका असर एचडीएफसी के शेयरों पर होने वाला है। 30 जून यानी आज एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक बोर्ड की अहम बैठक होगी। इस विलय के बाद HDFC Bank के सभी ब्रांच में HDFC की सेवाएं मिलती रहेंगी। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि जब सब ठीक चल रहा था तो आखिर HDFC बैंक और एचडीएफसी डेवलपमेंट फाइनेंश कंपनी का मर्जर क्यों हो रहा है? इस मर्जर के बाद क्या कुछ बदल जाएगा?

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी

ब्लूमबर्ग के मुताबिक इस मर्जर के बाद मार्केट कैप के हिसाब से एचडीएफसी बैंक दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। इस विलय के बाद HDFC अमेरिकी और चाइनीज बैंकों के लिए एक बड़ा चैलेंजर बनकर उभरेगा। कंपनी के मार्केट वैल्यूएशन की तुलना करें तो HDFC दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जेपी मॉर्गन, इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल बैंक ऑफ चीन, बैंक ऑफ अमेरिका के बाद एचडीएफसी सबसे बड़ी कंपनी होगी। मार्केट कैपिटलाइजेशन के मुताबिक विलय के बाद एचडीएफसी बैंक की वैल्यू 172 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी। विलय के बाद दुनिया के बड़े बैंकों को ही नहीं बल्कि SBI और ICICI बैंक को भी पछाड़ देगा। जून 2022 के डेटा के मुताबिक SBI का मार्केट कैप जहां 62 करोड़ डॉलर का है तो वहीं ICICI बैंक का मार्केट कैप 79 अरब डॉलर का है।

​जर्मनी का जनसंख्या से HDFC के ग्राहक​

1 जुलाई के बाद से HDFC बैंक के ग्राहकों की संख्या करीब 120 करोड़ पर पहुंच जाएगी। यानी HDFC बैंक के ग्राहकों की संख्या जर्मनी का जनसंख्या से अधिक हो जाएगी। वहीं एचडीएफसी के पास 8300 ब्रांच हो जाएंगे। इस विलय के बाद एचडीएफसी के पास 177000 कर्मचारी हो जाएंगे।

​क्यों हो रहा है मर्जर​

एचडीएफसी-एचडीएफसी बैंक इस मर्जर से खुद को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक के असुरक्षित कर्ज का जोखिम और कम होगा। पूंजी आधार पर मजबूती आएगी। इस विलय के बाद एक छत के नीचे लोगों को होम लोन से लेकर बाकी बैंकिंग सर्विस मिलेगी। इस विलय को लेकर एचडीएफसी के वाइस चेयरमैन केकी मिस्त्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि ये मर्जर दोनों की बेहतरी के लिए हो रहा है। एचडीएफसी सिर्फ हाउसिंग लोन का बिजनेस करें और बाकी बिजनेस HDFC बैंक से हो, ऐसा बहुत लंबे वक्त तक नहीं चल सकता था। ऐसे में मर्जर के लिए यह टाइमिंग बहुत सही है।

होम लोन लेने वालों पर असर

विलय के बाद सारे लोन एक्सटर्नल बेंच मार्क लेडिंग रेट (EBLR) के आधार पर तय होंगे। मर्जर के बाद जब एचडीएफसी फाइनेंस HDFC बैंक का हिस्सा बन जाएगा तो उसे भी इस नियम का पालन करते हुए लोन को EBLR से लिंक करना होगा। विलय के बाद सभी लोन को एक्सटर्नल बेंच मार्क लेडिंग रेट (EBLR) के आधार पर तय करना होगा। आपको बता दें कि EBLR रिजर्व बैंक द्वारा तय किया जाता है, जबकि बेंचमार्क लेंडिंग रेट इंटर्नल बेंचमार्क रेट होता है, जो बैंक या फाइनेंस कंपनी अपने हिसाब से अलग-अलग बेस पर तय करती हैं। जैसे ही लोन EBLR से लिंक हो जाएंगे, उन्हें आरबीआई की ओर से रेपो रेट में की जाने वाली कटौती का लाभ तुरंत मिलेगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक होम लोन ग्राहकों को सस्ती ब्याज दर पर लोन ऑफर कर सकता है। हालांकि लोन के नियमों और शर्तों में बदलाव की संभावना बहुत कम है।

​FD पर असर​

HDFC बैंक में जिनकी FD है, उनकी ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है। आपको बता दें कि HDFC और एचडीएफसी बैंक की ब्याज दरों में अंतर है। HDFC की तुलना में एचडीएफसी बैंक में एफडी की ब्याज दरें कम हैं। अगर आप एचडीएफसी बैंक में 12 से 120 महीनों की एफडी करवाते हैं तो आपको 6.56% से लेकर 7.21% तक ब्याज मिलता है । वहीं अगर HDFC बैंक करवाते हैं तो 7 दिन से लेकर 10 साल तक के एफडी पर 3 से लेकर 7.25% ब्याज मिलता है। जिन लोगों ने रिन्यूअल का ऑप्शन चुना है, विलय के बाद उनकी ब्याज दरों में बदलाव हो जाएगा।

​शेयरधारकों पर असर​

विलय के बाद HDFC हाउसिंग फाइनेंस की ट्रेडिंग 13 जुलाई से खत्म हो जाएगी। शेयर बाजार से HDFC लिमिटेड के शेयर हट जाएंगे। ऐसे में इन शेयरधारकों को हर HDFC लिमिटेड के 25 शेयर के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर दिए जाएंगे। विलय का फायदा शेयरहोल्डर्स को भी मिलने वाला है।

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