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अजिंक्य रहाणे को उपकप्तान बनाए जाने पर सौरव गांगुली खफा, बोले- रविंद्र जडेजा और शुभमन गिल भी तो हैं

नई दिल्ली: पूर्व कप्तान और पूर्व बीसीसीआई प्रमुखसौरव गांगुली को अजिंक्य रहाणे को टेस्ट में उप कप्तानी की जिम्मेदारी देना काफी हैरानी भरा लग रहा है, क्योंकि वह करीब 18 महीने तक टीम से बाहर थे। पूर्व भारतीय कप्तान ने चयन प्रक्रिया में निरंतरता और स्थिरता लाने की मांग की। डेढ़ साल पहले तक 35 वर्षीय रहाणे टीम में शामिल होने की दौड़ से बाहर थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस महीने के शुरु में विश्व टेस्ट चैपियनशिप फाइनल में वह 89 और 46 रन की पारियां खेलकर  भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे।

वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट टीम के कप्तान हैं अजिंक्य रहाणे

वापसी करने के महज एक टेस्ट बाद ही अंतरिम प्रमुख शिव सुंदर दास की अगुआई वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने रहाणे को वेस्टइंडीज टेस्ट श्रृंखला के लिए फिर से उप कप्तान नियुक्त कर दिया। तो क्या इस भूमिका के लिए किसी अन्य खिलाड़ी जैसे शुभमन गिल को तैयार करना आदर्श नहीं होता तो इस पर गांगुली ने कहा, ‘हां, मुझे भी ऐसा ही लगता है।

इसलिए गांगुली ने की बीसीसीआई की आलोचना

उन्होंने हालांकि रहाणे को उप कप्तान बनाने के फैसले को पीछे की ओर लिया हुआ कदम करार नहीं किया लेकिन उन्होंने इसे व्यावहारिक फैसला भी नहीं बताया। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि यह पीछे की ओर उठाया गया कदम है। आप 18 महीने से बाहर हो, फिर आप एक टेस्ट खेलते हो और आपको उपकप्तान बना दिया जाता है। मुझे इसके पीछे की सोच प्रक्रिया समझ नहीं आई।’


जडेजा और गिल का नाम लेकर खूब सुनाया
उन्होंने आगे कहा- रविंद्र जडेजा भी टीम में है जो काफी लंबे समय टीम में है और टेस्ट मैचों में निश्चित ही खेलता है, वह एक उम्मीदवार है।’ भारत के बेहतरीन टेस्ट कप्तानों में शुमार गांगुली ने कहा, ‘लेकिन 18 महीने बाद अचानक वापसी के बाद तुरंत ही उप कप्तान बना दिया जाना, मेरी समझ से बाहर है। मेरा यही कहना है कि चयन में निरंतरता और स्थिरता होनी चाहिए।

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