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नहीं रहेगा चीन-अमेरिका का दबदबा, भारत दे रहा दुनिया को चौथा सबसे बड़ा बैंक, जर्मनी की जनसंख्या से ज्यादा ग्राहक

नई दिल्ली : जब दुनिया के सबसे बड़े बैंकों की बात आती है, तो अमेरिका (US), चीन (China) और यूरोप (Europe) के बैंकों के नाम गिनाए जाते हैं। लेकिन अब भारत भी इसमें शामिल हो गया है। दुनिया के सबसे ताकतवर बैंकों में अब भारत का एक बैंक शामिल होने जा रहा है। यह होगा एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के मर्जर (HDFC-HDFC Bank Merger) के बाद बना बैंक। एचडीएफसी बैंक मर्जर एक जुलाई से लागू हो जाएगा। इस तरह एक जुलाई से यह भारतीय बैंक दुनिया के सबसे मूल्यवान बैंकों में शुमार होगा। इससे चीन और अमेरिका के टॉप बैंकों को एक नई चुनौती मिलेगी।

दुनिया का चौथा बड़ा बैंक

एचडीएफसी बैंक और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन के विलय से जो बैंक तैयार हुआ है, वह बाजार पूंजीकरण के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक है। इससे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड और बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प हैं। ब्लूमबर्ग के आकंड़ों के अनुसार इस नए एचडीएफसी बैंक की वैल्यूएशन 172 अरब डॉलर होगी। दुनिया के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन की वैल्यूएशन 416.5 अरब डॉलर है। इसके बाद आईसीबीसी की 228.3 अरब डॉलर और बैंक ऑफ अमेरिका की 227.7 अरब डॉलर है।

जर्मनी की जनसंख्या से अधिक होंगे ग्राहक

एक जुलाई को मर्जर लागू होने के साथ ही नए एचडीएफसी बैंक के करीब 12 करोड़ ग्राहक होंगे। यह जर्मनी की जनसंख्या से अधिक है। मर्जर से बैंक का ब्रांच नेटवर्क 8,300 से अधिक तक बढ़ जाएगा। साथ ही कुल कर्मचारियों की संख्या 1,77,000 से अधिक हो जाएगी।

रिलायंस के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी

मर्जर के बाद एचडीएफसी के शेयर की डीलिस्टिंग 13 जुलाई से इफेक्टिव हो जाएगी। हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के शेयर इस दिन से स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे। संयुक्त कंपनी के शेयर 17 जुलाई से ट्रेड होंगे। इस मर्जर के जरिए एचडीएफसी को एचडीएफसी बैंक में 41 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी। HDFC बैंक और HDFC के मर्जर के बाद कंपनी मार्केट कैप में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी।

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