वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रावणी मेले की शुरुआत, देशभर के लाखों शिवभक्त भोलेनाथ पर करेंगे जलाभिषेक
देवघरः झारखंड के देवघर में आयोजित होने वाले विश्वप्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेले का आज से आगाज हो गया है। बिहार और झारखंड की सीमा स्थित दुम्मा बॉर्डर पर सोमवार को विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेले की शुरुआत हुई। झारखंड के कृषि मंत्री बादल ने दुम्मा बॉर्डर पर फीता काट कर श्रावणी मेले का उदघाटन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच परंपरागत विधि विधान से मेले का उदघाटन हुआ। गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्रावणी मेले के उद्घाटन पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इस वर्ष दो महीने तक राजकीय श्रावणी मेले का आयोजन किया जा रहा है।
19 साल बाद दुर्लभ संयोग, 31 अगस्त तक श्रावणी मेला
राज्य के कृषि और पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने पूरे वैदिक मंत्रोचार के बीच कांवड़ियों की मौजूदगी में फीता काटकर उदघाटन किया। इस मौके पर बिहार के सुल्तानगंज से एक सौ बीस किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबाधाम आने वाले शिवभक्तों को दुम्मा स्थित झारखंड के बॉर्डर में प्रवेश कराया। इस मौके पर राज्य के मंत्री बादल पत्रलेख के साथ ही पूर्व मंत्री सुरेश पासवान और जिलाधिकारी मंजुनाथ भजंत्री समेत तमाम आलाधिकारी मौजूद रहे। 19 साल बाद यह दुर्लभ संयोग आया है जब श्रावणी मेले का संचालन दो महीने तक होगा। पहले चरण में 4 जुलाई से 15 जुलाई तक और दूसरा चरण 15 अगस्त से 31 अगस्त तक श्रावणी मेला रहेगा। इस बीच एक महीने तक मलमास का महीना होगा।
पर्यटन मंत्री हफीजुल अंसारी ने तैयारियों का जायजा लिया
इससे पहले रविवार देर शाम राज्य के पर्यटन मंत्री हफीजुल अंसारी ने देवघर में श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने श्रद्धालुओं को दी जाने विभिन्न सुविधाओं आवास, पेयजल, स्नानघर और मोबाइल चार्जिंग को लेकर आवश्यक निर्देश दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधा और सूचना सह सहायता केंद्र का भी जायजा लिया। इसके अलावा टेंड सिटी में मूलभूत सभी सुविधाओं को दुरुस्त रखने के अलावा वेंटिलेशन की बेहर व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ताकि श्रद्धालुओं को टेंट सिटी में रहने के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके अलावा दुम्मा से खिजुरिया कांवरिया पथ में विधि व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था और बालू बिछाई के कार्य का भी जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को साफ-सफाई, शौचालय और अन्य मूलभूत सुविधाओं के बेहतर इंतजाम का निर्देश दिया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा उत्पन्न न हो।