हिंडनबर्ग की ‘प्रेतबाधा’ से निकला अडानी ग्रुप! किस स्टॉक में रही सबसे ज्यादा तेजी और किसने किया कंगाल
नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ एक निगेटिव रिपोर्ट जारी की थी। इससे मार्च तिमाही में अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। लेकिन जून तिमाही में ग्रुप के कई शेयरों ने काफी हद तक अपने नुकसान की भरपाई कर ली है। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के शेयरों में जून तिमाही में 36 परसेंट से अधिक तेजी आई जबकि मार्च तिमाही में इसमें 55 परसेंट गिरावट आई थी। इसी तरह अडानी पावर (Adani Power) के शेयरों में पिछली तिमाही में 30 परसेंट से अधिक तेजी आई। कंपनी ने मार्च तिमाही में हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर ली है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों से इन्कार किया था। लेकिन इससे अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और उसका मार्केट कैप आधे से भी कम रह गया था। इससे निवेशकों का भरोसा भी बुरी तरह हिल गया था। ग्रुप ने इस स्थिति से निकलने के लिए कई उपाय किए। उसने अपना कर्ज कम किया और गिरवी शेयरों को छुड़ाया। इस दौरान राजीव जैन की अगुवाई वाला ग्रुप जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) भी तीन बार अडानी ग्रुप में निवेश कर चुका है। इससे जून तिमाही में ग्रुप के शेयरों में तेजी आई और ग्रुप का कुल मार्केट कैप 10 परसेंट चढ़ गया।
इन स्टॉक्स ने बनाया कंगाल
हालांकि अब भी ग्रुप के कुछ स्टॉक्स में रिकवरी नहीं दिखी है। अडानी टोटल गैस के शेयर में जून तिमाही में करीब 25 फीसदी गिरावट आई जबकि मार्च तिमाही में यह 76 परसेंट गिरा था। इसी तरह अडानी ट्रांसमिशन मार्च तिमाही में 62 परसेंट गिरा था और जून तिमाही में इसमें 23 परसेंट गिरावट आई। पिछले कुछ महीनों में अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी उतारचढ़ाव में कमी आई है लेकिन अब भी ग्रुप पूरी तरह इससे बाहर नहीं निकला है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेबी अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच कर रहा है। इसी तिमाही में यह रिपोर्ट सौंपी जा सकती है।