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आईएमएफ की भीख से भी कम नहीं हुआ पाकिस्‍तान का खतरा, शहबाज सरकार को मिली बड़ी चेतावनी

इस्‍लामाबाद: अमेरिका की मदद से अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष से 3 अरब डॉलर का लोन हासिल करके इतरा रहे पाकिस्‍तान को अब दुनिया की दिग्‍गज रेटिंग एजेंसियों ने बड़ी चेतावनी दे दी है। दोनों ही एजेंसियों ने साफ कह दिया है कि शहबाज शरीफ सरकार को आईएमएफ के कर्ज के अलावा और ज्‍यादा वित्‍तीय मदद की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि ज्‍यादा आर्थिक मदद के बिना पाकिस्‍तान न तो कर्जों को लौटा पाएगा और न ही अपनी अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार कर पाएगा। मूडी और फिच की चेतावनी के बाद अब पाकिस्‍तान की धड़कने बढ़ गई हैं।
इन वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने बताया कि पाकिस्‍तान को इस वित्‍तीय वर्ष में ही 25 अरब डॉलर का कर्ज लौटाना है। यह पाकिस्‍तान के वर्तमान विदेशी मुद्रा भंडार का 7 गुना ज्‍यादा है। यह पाकिस्‍तान के हाल ही में आईएमएफ के स्‍वीकृत किए गए 3 अरब डॉलर के कर्ज से बहुत ही ज्‍यादा है। उसने कहा कि आईएमएफ ने भले ही पाकिस्‍तान को वित्‍तीय मदद का आश्‍वासन दिया हो लेकिन इस बात का खतरा है कि यह अपर्याप्‍त साबित हो सकता है। वह भी तब जब चालू खाता घाटा काफी ज्‍यादा हो गया है।

इमरान खान के भविष्‍य पर सवालिया निशान

इस बीच बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान की सरकार ने आईएमएफ की कई कड़ी शर्तों को माना है जिसका खामियाजा वहां की आवाम को आने वाले दिनों में भुगतना पड़ सकता है। पाकिस्‍तान में ऊर्जा की कीमतें काफी बढ़ सकती हैं। इसके अलावा शहबाज सरकार टैक्‍स की दर भी बढ़ाएगी। इसके अलावा सरकार को खर्च घटाने के लिए भी कहा गया है। पाकिस्‍तान अगर ऐसा नहीं करता है कि तो उसे पूरा 3 अरब डॉलर का कर्ज आईएमएफ से मिलना मुश्किल हो जाएगा।

पाकिस्‍तान में अक्‍टूबर महीने में चुनाव होने वाले हैं। इमरान खान के चुनाव में शामिल हो पाने की संभावना बहुत कम बची है। विश्‍लेषकों का कहना है कि इस आम चुनाव को देखते हुए शहबाज सरकार देश में कड़े सुधार लागू करेगी, यह कह पाना मुश्किल है। इमरान खान लगातार दुनिया से गुहार लगा रहे हैं कि देश में लोकतंत्र को बचाया जाए। वहीं शहबाज सरकार और पाकिस्‍तानी सेना ने इमरान खान के खिलाफ 9 मई की ह‍िंसा के लिए आर्मी कोर्ट में मुकदमा चलाने की तैयारी तेज कर दी है। कई विश्‍लेषकों का कहना है कि इमरान खान को चुनाव से पहले बैन कर दिया जाएगा ताकि वह चुनाव ही नहीं लड़ सकें।

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