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 चीन का विदेशी संबंध कानून क्या है, पश्चिमी प्रतिबंधों के खिलाफ कैसे बनेगा ढाल, जानें सब कुछ

बीजिंग: चीन ने अमेरिकी काट्सा कानून (CAATSA Act) की कॉपी करते हुए पहला विदेशी संबंध कानून बनाया है। इस कानून के जरिए चीन अपने देश के खिलाफ काम करने वाले संगठनों और लोगों को प्रतिबंधित कर सकेगा। चीन के शीर्ष राजनयिक वांग यी ने गुरुवार को कहा कि उनके देश ने अपना पहला विदेशी संबंध कानून बनाया है, जो पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के लिए ‘निवारक’ के रूप में कार्य करेगा और राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करेगा। चीनी विदेशी कानून प्रवर्तन गतिविधियों पर चिंताओं के बीच चीन की संसद, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति द्वारा बुधवार को पारित नया कानून एक जुलाई से प्रभावी होगा। नया कानून वैश्विक सुरक्षा, विकास और सभ्यता पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विदेश नीति पहलों को कानून के तौर पर बढ़ावा देने को भी सुनिश्चित करता है।

चीन का विदेशी संबंध कानून क्या है

कानून का एक अनुच्छेद कहता है, ”कोई भी संगठन या व्यक्ति यदि कोई ऐसा कार्य करता है जो इस कानून के तहत या अंतरराष्ट्रीय रिश्तों की दृष्टि से चीन के राष्ट्रीय हितों के लिए नुकसानदेह हो तो उसे कानून द्वारा जिम्मेदार ठहराया जाएगा।” सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने नये कानून के एक अन्य अनुच्छेद का हवाला देते हुए कहा है, ”पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को अपनी संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास को खतरे में डालने वाले उन कृत्यों का मुकाबला करने या प्रतिबंधात्मक उपाय करने का अधिकार है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून या अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले मौलिक मानदंडों का उल्लंघन करते हैं।”

चीन को विदेशी संबंध कानून से क्या उम्मीद

नये कानून का बचाव करते हुए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग कार्यालय के निदेशक वांग ने कहा कि यह (कानून) प्रतिबंधों के लिए एक ‘निवारक’ के रूप में कार्य करेगा और बीजिंग की महत्वाकांक्षाओं तथा बढ़ती मुखर विदेश नीति की चिंताओं के बीच वैश्विक स्तर पर चीन की संप्रभुता की रक्षा के लिए इसकी तत्काल आवश्यकता है।

चीन के खिलाफ उठ रही आवाजों से डरे हैं जिनपिंगराष्ट्रपति जिनपिंग के प्रमुख विदेश नीति सलाहकार वांग ने बृहस्पतिवार को कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली में प्रकाशित एक लेख में कहा है, ”चीन अप्रत्याशित कारकों की बढ़ती संख्या का सामना कर रहा है और उसे ‘विदेशी संघर्षों’ के लिए अपने कानूनी ‘टूलबॉक्स’ का लगातार विस्तार करना चाहिए।”

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