गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना ठंडे बस्ते में
भोपाल। जिले की पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना अब ठंडे बस्ते में चली गई है। इस योजना के तहत शहरी सीमा से लगे 90 गांवों में ये लाइट लगाई जानी थीं, लेकिन शुरूआत में एक-दो गांव में लाइट लगने के बाद यह काम पूरी तरह से ठप हो गया है। दरअसल जिला पंचायत द्वारा गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना थी। इसके लिए जिला पंचायत के पास एक करोड़ रुपये का बजट भी था, लेकिन काम पूरा नहीं किया जा सका है।
बता दें कि केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह योजना बनाई गई थी कि सभी पंचायतों में सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी, लेकिन इस पर पंचायतों में तरीके से काम नहीं किया जा सका है।
काम अटकने की यह बताई जा रही है वजह
राजधानी से लगे ग्रामीण क्षेत्रों को माडल बनाने और सौर ऊर्जा से सड़कों को रोशन करने के लिए योजना के तहत 90 से अधिक गांव में सोलर चलित स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी थी। इसके लिए लगभग एक करोड़ रुपये का बजट भी पंचायत के पास आया था, लेकिन सौर ऊर्जा से संबंधित कोई भी काम ऊर्जा विकास निगम से कराने के आदेश के चलते यह काम पूरी तरह से बंद हो गया है। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की कोई योजना उनके पास नहीं हैं।
काम होता तो गांव हो जाते रोशन
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत यदि जिला पंचायतों में सोलर लाइट लगाने का काम पूरा किया जाता तो गांव रोशन हो जाते। इन गांवों में सड़कों के अलावा स्कूल, अस्पताल, पशु चिकित्सालय, हाट बाजार, सामुदायिक
भवन आदि सार्वजनिक स्थनों को सौर ऊर्जा से रोशन किया जाना था।
लगाई जानी थीं 700 से अधिक लाइट
योजना के तहत 90 से अधिक गांव में 700 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट लगनी थी, लेकिन यह काम नहीं हो सका है। बता दें कि ऊर्जा विकास निगम द्वारा आदर्श ग्रामों के अस्पतालों में सौर ऊर्जा के प्लांट लगाए गए हैं। यह भवन सौर ऊर्जा से रोशन हैं। अगर यह योजना धरातल पर उतर आती तो ग्रामीण क्षेत्रों के रहवासियों का इसका लाभ मिलता।
इनका कहना है
केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट लगाने की योजना शुरू की गई थी। इसके तहत कुछ पंचायतों में लाइटें भी लगाई गईं थीं, लेकिन फिलहाल यह काम बंद है।
– ऋतुराज सिंह, सीईओ, जिला पंचायत भोपाल