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नियम व शर्तें भोपाल में की जा रही हैं तैयार

30 अप्रैल तक जारी होंगे चंबल प्रोजेक्ट के टेंडर


ग्वालियर । ग्वालियर की वर्ष 2055 तक की पानी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए 376 करोड़ रुपये के चंबल प्रोजेक्ट के लिए राज्य और स्थानीय स्तर पर सभी अनुमतियां मिल चुकी हैं। अब इस प्रोजेक्ट के टेंडर किए जाने हैं, जिसको लेकर नियम व शर्तें भोपाल में तैयार की जा रही हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए 30 अप्रैल से पहले टेंडर जारी कर दिए जाएंगे। नगर निगम के अधिकारियों का प्रयास है कि अधिकतम दो वर्ष के अंदर चंबल नदी और कोतवाल डेम से निगम के वाटर फिल्ट्रेशन प्लांटों तक 150 एमएलडी (मिलियंस आफ लीटर पर डे) पानी लाया जाए।
चंबल नदी से पानी लाने के वर्ष 2016 से प्रयास चल रहे हैं। तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह ने इसके लिए पहल शुरू की थी, तब से लेकर वर्ष 2021 तक यह परियोजना कागजों में ही दौड़ती रही। पिछले वर्ष इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर शासन स्तर पर स्वीकृति के लिए भेजी गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए बजट भी आवंटित कर दिया था। सिर्फ राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त समिति से मंजूरी मिलनी बाकी थी। वहां से मंजूरी मिलने पर एमआइसी से स्वीकृति लेकर अब टेंडर प्रक्रिया की तैयारी की जा रही है। इस माह के अंत तक टेंडर प्रक्रिया कर दी जाएगी।
डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार मुरैना के देवरी से अंडरग्राउंड डक्ट बनाकर 47 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। 250 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च सिर्फ पाइपलाइन पर ही होगा। पाइपों को बिछाने के लिए अंडरग्राउंड डक्ट तैयार की जाएगी। इसे ऊपर से भी पक्का किया जाएगा। इससे पाइपों को कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बाकी खर्च खुदाई, पंप लगाने, विद्युत सब स्टेशन बनाने, इंटक वेल तैयार करने में किया जाएगा। भविष्य में ग्वालियर को 150 एमएलडी प्रतिदिन पानी की आवश्यकता होगी। इसको देखते हुए देवरी में मुरैना नगर निगम के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर इंटकवेल बनाकर 90 एमएलडी पानी प्रतिदिन इसी पाइपलाइन के जरिए मोतीझील तक लाया जाएगा। बाकी बचा 60 एमएलडी पानी कोतवाल बांध से लिफ्ट कर लिया जाएगा।

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